राजस्थान हाईकोर्ट ने ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन, पुनः सीमांकन और नई ग्राम पंचायत के गठन को लेकर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। न्यायमूर्ति अनूप कुमार ढंड की एकल पीठ ने बाबूलाल यादव की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए पंचायत राज विभाग के सचिव और झुंझुनूं के जिला कलेक्टर से इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगा है।
मामले में याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने तर्क रखा कि झुंझुनूं जिले की ग्राम पंचायत छापोली से नयी ग्राम पंचायत कृष्ण नगर बनाए जाने की मांग की गई थी, जिसकी सिफारिश विधानसभा क्षेत्र उदयपुरवाटी के विधायक द्वारा भी राज्य सरकार को भेजी गई थी।
कृष्ण नगर नई ग्राम पंचायत बनाए जाने के सभी मानदंड पूरे करता है, लेकिन राज्य सरकार ने इसके स्थान पर 10 किलोमीटर दूर स्थित सोकडाला को नवीन ग्राम पंचायत बनाने का निर्णय लिया है। याचिकाकर्ता के अनुसार, सोकडाला की सीमाएं छापोली से नहीं मिलती हैं, जिससे प्रस्ताव भौगोलिक और प्रशासनिक दृष्टिकोण से असंगत है।
याचिका में यह भी उल्लेख किया गया कि 13 फरवरी 2025 के शासनादेश में निर्धारित दिशा-निर्देशों का भी इस निर्णय में पालन नहीं किया गया। याचिकाकर्ता ने झुंझुनूं के जिला कलेक्टर के समक्ष अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी, लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई और न ही आपत्ति का निस्तारण किया गया।
हाईकोर्ट ने इस पर गंभीरता दिखाते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि वह याचिकाकर्ता की आपत्ति और संबंधित शासनादेश के आलोक में जवाब पेश करे। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि पंचायत गठन के निर्णय मनमाने तरीके से नहीं लिए जा सकते, और स्थानीय जनहित और प्रशासनिक तार्किकता को ध्यान में रखते हुए कार्यवाही जरूरी है।