नई दिल्ली। दिल्ली के तुगलक रोड पुलिस थाने में रविवार को हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास पर कथित रूप से ‘जले नोट’ मिलने के सनसनीखेज मामले में जयपुर के वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने एफआईआर दर्ज करवाई है। यह एफआईआर 20 अप्रैल को दर्ज की गई, जिसमें भ्रष्टाचार और न्यायपालिका की गरिमा को लेकर गहरी चिंता जताई गई है।
इन अधिवक्ताओं ने की शिकायत दर्ज: पूनम चन्द भंडारी – वरिष्ठ अधिवक्ता, राजस्थान हाईकोर्ट, इंद्रजीत कटोरिया – अधिवक्ता,टी. एन. शर्मा – अधिवक्ता, श्रीकृष्ण जादौन – अधिवक्ता,पवन प्रजापति – अधिवक्ता, विनोद मोदी – अधिवक्ता व महासचिव, पब्लिक अगेंस्ट करप्शन संस्था विपिन गुप्ता शामिल रहे।
एफआईआर दर्ज कराने के लिए थाने में चला लंबा संघर्ष: एफआईआर दर्ज कराने पहुंचे अधिवक्ताओं को शुरुआत में पुलिस अधिकारियों की ओर से अनिच्छा का सामना करना पड़ा। लगभग एक घंटे तक गहन बहस और तर्कों के बाद ही एफआईआर दर्ज की गई। थाना प्रभारी ने उच्च अधिकारियों से निर्देश प्राप्त करने के बाद ही शिकायत को दर्ज किया और अधिवक्ताओं को इसकी आधिकारिक रसीद प्रदान की।
मामले की गंभीरता पर जताई चिंता: शिकायतकर्ताओं ने अपने बयान में कहा कि यदि न्यायपालिका से जुड़े किसी स्थान पर ‘जले नोट’ जैसी सामग्री मिलती है, तो यह न्यायिक व्यवस्था की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर गंभीर प्रश्नचिन्ह है। उन्होंने मांग की कि मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाए।
विनोद मोदी बोले: "यह सिर्फ एक एफआईआर नहीं है, यह न्याय व्यवस्था को बचाने की दिशा में एक चेतावनी है। अगर भ्रष्टाचार उच्च न्यायिक स्तर तक पहुंचता है, तो आमजन का भरोसा खत्म हो जाएगा।"