अजमेर। राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश मनींद्र मोहन श्रीवास्तव ने रविवार को अजमेर जिले के नव-निर्मित जिला न्यायालय परिसर का उद्घाटन किया। इस ऐतिहासिक अवसर पर न्यायाधीश इंद्रजीत सिंह और महेंद्र कुमार गोयल भी मंच पर उपस्थित रहे। समारोह में न्यायाधीशों, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों, अधिवक्ताओं और न्यायिक अधिकारियों की गरिमामयी उपस्थिति रही।
मुख्य न्यायाधीश श्रीवास्तव ने उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि यह भवन अजमेर के न्यायिक इतिहास में मील का पत्थर है। तकनीकी उन्नयन, पारदर्शिता और न्याय प्रक्रिया की तेज़ी के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है।”
उन्होंने बताया कि प्रदेश में बढ़ते मुकदमों के अनुपात में न्यायिक संरचना का विस्तार अपेक्षित है। उन्होंने बताया कि राज्य में एक लाख से अधिक मामले लंबित हैं, जिनमें अधिकांश आपराधिक प्रवृत्ति के हैं। उन्होंने बार और बेंच के सामंजस्य पर जोर देते हुए पुराने प्रकरणों के शीघ्र निपटारे में अधिवक्ताओं से सहयोग मांगा।
भवन का निर्माण 2018 में शुरू हुआ था
कुल लागत: ₹ 150 करोड़
वर्तमान में 54 न्यायालय संचालित होंगे
भविष्य में 7 मंजिला विस्तार की योजना
ई-कोर्ट परियोजना के तीनों मानकों के अनुरूप
सौर ऊर्जा, जल संचयन, डिजिटल रिकॉर्ड रूम, लॉकअप कक्ष, वादकारियों के लिए बैठक सुविधा
न्यायमूर्ति महेन्द्र गोयल ने कहा कि अजमेर न्याय क्षेत्र के 30 लाख निवासियों को इस भवन से लाभ मिलेगा। यह भवन न्याय के साथ-साथ ऐतिहासिक विरासत से भी जुड़ा हुआ है।”
उन्होंने अजमेर के ऐतिहासिक न्यायिक स्वरूप का उल्लेख किया —
सम्राट पृथ्वीराज चौहान के समय ग्राम न्यायालय
1818 में ब्रिटिश काल में पांच स्तरीय न्याय प्रणाली
1872 में चीफ कमिश्नर कोर्ट
1926 में जुडीशियल कमिश्नर कोर्ट
1956 के बाद राजस्थान में न्यायिक एकीकरण
भविष्य की सोच: समावेशिता, पारदर्शिता और तकनीकी नवाचार: न्यायाधीश इंद्रजीत सिंह ने भवन को “भव्य, सुंदर और स्वच्छ” बताते हुए इसकी रक्षा का आह्वान किया।
बार अध्यक्ष अशोक रावत ने कहा “यह भवन देशभर में मिसाल बनेगा। यह चंडीगढ़ के बाद दूसरा ऐसा न्यायिक भवन है जो इतने व्यापक तकनीकी और भौतिक सुविधाओं से सुसज्जित है।”
कार्यक्रम में राजस्व मंडल अध्यक्ष हेमंत गेरा,संभागीय आयुक्त महेश चंद्र शर्मा,आईजी ओम प्रकाश,जिला कलक्टर लोकबंधु,एसपी वंदिता राणा,सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश अजय शर्मा, लोक अभियोजक जयप्रकाश, बार सदस्य एवं न्यायिक अधिकारीगण मौजूद रहे। समापन में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रकाश चंद्र मीणा ने सभी का आभार व्यक्त किया।