महात्मा ज्योतिबा फुले की 198वीं जयंती के अवसर पर राजस्थान के विभिन्न हिस्सों में आयोजित कार्यक्रमों में पूर्व आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत और पूर्व आरटीडीसी अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ ने भाग लेकर समाजसेवा, समानता और शिक्षा के क्षेत्र में महात्मा फुले के योगदान को याद किया। कार्यक्रमों का आयोजन अजमेर, नसीराबाद, श्रीनगर और किशनगढ़ में किया गया जहां कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता, कार्यकर्ता और माली समाज के गणमान्यजन उपस्थित रहे।
अजमेर में आयोजित कार्यक्रम में वैभव गहलोत ने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले ने शिक्षा के क्षेत्र में जो क्रांतिकारी कार्य किए, उन्होंने समाज के पिछड़े वर्गों को मुख्यधारा से जोड़ा। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे फुले दंपती के आदर्शों से प्रेरणा लेकर समाज सेवा को जीवन का उद्देश्य बनाएं।
इस अवसर पर उन्होंने आरसीए के लंबित चुनावों को लेकर सरकार से अपील की कि प्रदेश के खिलाड़ियों के हितों को देखते हुए जल्द चुनाव कराए जाएं।
धर्मेंद्र राठौड़ ने महात्मा फुले को सामाजिक न्याय का अग्रदूत बताते हुए कहा कि वे भारत के पहले व्यक्ति थे जिन्होंने छुआछूत, जातिगत भेदभाव और अशिक्षा के खिलाफ आवाज उठाई।
कार्यक्रमों के दौरान माली समाज के सदस्यों ने वैभव गहलोत और धर्मेंद्र राठौड़ का पारंपरिक साफा पहनाकर और मालाएं अर्पित कर स्वागत किया।
इसके बाद प्रतिनिधिमंडल नसीराबाद पहुंचा जहां होटल माखन मिश्री में जयंती समारोह आयोजित हुआ। वहां भी दोनों नेताओं ने पुष्पांजलि अर्पित की और समाज के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई।
ग्राम श्रीनगर में डॉ. भीमराव अंबेडकर सेवा संस्थान द्वारा आयोजित रक्तदान शिविर में दोनों नेताओं ने भाग लिया। यहां भी उन्होंने समाज सेवा को ही सच्चा सम्मान बताया और युवाओं को प्रेरित किया।