जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (JLF) में शनिवार को पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की पत्नी अक्षता मूर्ति और उनकी मां सुधा मूर्ति के बीच भावुक बातचीत देखने को मिली। ‘माई मदर, माई लाइफ’ सेशन में अक्षता ने मां से कई व्यक्तिगत सवाल किए, जिनमें उनका बचपन, परवरिश और जीवन के आदर्श शामिल थे।
अक्षता मूर्ति ने पूछा – ‘आपने बचपन में हमें पार्टी क्यों नहीं करने दी?’
सुधा मूर्ति ने जवाब दिया – ‘मैंने अपने बच्चों को सिखाया कि सबसे पहले एक अच्छा इंसान बनना जरूरी है। जीवन में सादगी और ईमानदारी अपनाने से ही खुशहाल जिंदगी जी सकते हैं।’
इस सेशन में पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक भी दर्शकों में मौजूद रहे, वहीं इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति भी अपनी पत्नी और बेटी की बातचीत सुनने पहुंचे थे।
अक्षता मूर्ति ने पूछा – ‘क्या आदर्शवादिता सिर्फ बचपन तक सीमित होती है?’
सुधा मूर्ति ने जवाब दिया – ‘मैं आज भी आदर्शवादी हूं। मैंने अपने बच्चों को सिखाया कि सच्चाई से बढ़कर कुछ नहीं। जैसा सोचो, वैसा ही बोलो और वैसा ही करो।’उन्होंने बताया कि उनके पिता नास्तिक थे, लेकिन वे सेवा में विश्वास रखते थे।
अक्षता मूर्ति ने मां से किताबों को लेकर सवाल किया: अक्षता – ‘तुम किताबों को कैसे पढ़ती हो और उनसे कैसे सीखती हो?’
सुधा मूर्ति – ‘किताबें अज्ञान दूर करती हैं और ज्ञान का प्रकाश फैलाती हैं। हम इस सेशन को सिर्फ मां-बेटी की बातचीत तक सीमित नहीं रखेंगे, बल्कि इससे आगे की बातें करेंगे।’