सांचौर: सांचौर जिले को यथावत रखने की मांग के समर्थन में शनिवार को ‘सांचौर जिला बचाओ संघर्ष समिति’ द्वारा आह्वान किए गए बंद का जिलेभर में व्यापक असर देखा जा रहा है। सांचौर समेत जिले के सभी छोटे-बड़े कस्बों और बाजारों में पूरी तरह से बंद का समर्थन किया गया है। निजी और सरकारी स्कूल, महाविद्यालय, प्राइवेट हॉस्पिटल, डॉक्टरों और जिला बार एसोसिएशन के वकीलों द्वारा भी हड़ताल का समर्थन किया गया, जिससे चिकित्सा और न्यायिक सेवाएं पूरी तरह ठप हो गई हैं।
पूर्व मंत्री सुखराम बिश्नोई का अनशन जारी
पूर्व मंत्री सुखराम बिश्नोई और उनके समर्थकों का अनशन और हड़ताल चौथे दिन भी जारी है। बिश्नोई की तबीयत लगातार बिगड़ रही है, लेकिन उन्होंने अस्पताल में भर्ती होने से इनकार कर दिया है। उनका स्पष्ट कहना है कि जब तक राज्य सरकार सांचौर जिले को यथावत रखने का स्पष्ट आश्वासन नहीं देती, तब तक यह संघर्ष नहीं रुकेगा। उनके स्वास्थ्य को लेकर समर्थकों में चिंता बढ़ती जा रही है।
धरना और प्रदर्शन जारी
संघर्ष समिति का धरना कलेक्ट्रेट के बाहर चौथे दिन भी जारी है। समिति के नेता और कार्यकर्ता मांग कर रहे हैं कि सांचौर जिले को यथावत रखा जाए। समिति ने साफ कर दिया है कि वे तब तक आंदोलन जारी रखेंगे, जब तक राज्य सरकार की ओर से ठोस आश्वासन नहीं मिलता।
सरकार पर बढ़ रहा दबाव
आंदोलन के तेजी से बढ़ते स्वरूप को देखते हुए राज्य सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है। सांचौर के लोगों का कहना है कि जिले को यथावत रखने के लिए संघर्ष जारी रहेगा, और वे पीछे नहीं हटेंगे जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती।