Friday, 20 September 2024

तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसादम की पवित्रता पर विवाद: टीडीपी के आरोप और वाईएसआर कांग्रेस की हाई कोर्ट में याचिका


तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसादम की पवित्रता पर विवाद: टीडीपी के आरोप और वाईएसआर कांग्रेस की हाई कोर्ट में याचिका

तिरुपति मंदिर के पवित्र लड्डू प्रसादम को लेकर विवाद तेजी से बढ़ता जा रहा है। आंध्र प्रदेश की तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने प्रसादम की शुद्धता पर गंभीर आरोप लगाए हैं। टीडीपी का दावा है कि प्रसाद में जानवरों की चर्बी से बना घी और मछली का तेल मिलाया गया है। यह आरोप पार्टी ने एक लैब रिपोर्ट के आधार पर लगाया है।

टीडीपी सुप्रीमो और मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया कि पिछले पांच वर्षों में जगन मोहन रेड्डी की सरकार और उनकी पार्टी टीडीपी कांग्रेस ने तिरुमाला मंदिर की पवित्रता को धूमिल किया है। टीडीपी के मुताबिक प्रसादम में जानवरों से प्राप्त घी और फिश ऑयल का उपयोग किया गया है, जो धार्मिक भावनाओं के खिलाफ है।

इस विवाद के बाद वाईएसआर कांग्रेस ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। पार्टी ने न्यायालय से अनुरोध किया है कि टीडीपी द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के लिए एक कमेटी बनाई जाए। हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए 25 सितंबर की तारीख तय की है।

तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसादम का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है। मंदिर के 300 साल पुराने किचन में रोजाना लगभग 3.50 लाख लड्डू बनाए जाते हैं। तिरुमाला ट्रस्ट प्रसादम की बिक्री से हर साल करीब 500 करोड़ रुपये की कमाई करता है। यह प्रसाद न केवल श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रतीक है, बल्कि मंदिर की वित्तीय स्थिति के लिए भी महत्वपूर्ण है।

विवाद बढ़ने के बाद, मंदिर ट्रस्ट ने प्रसादम की शुद्धता की जांच के लिए चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी प्रसाद में इस्तेमाल किए जा रहे सामग्रियों की गुणवत्ता की जांच करेगी और इस विवाद के समाधान की दिशा में कदम उठाएगी।

तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के पवित्र लड्डू प्रसादम को लेकर आंध्र प्रदेश में एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। टीडीपी सुप्रीमो और मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया कि तिरुपति लड्डू प्रसादम में मिलावट की जा रही है और प्रसादम में इस्तेमाल किए जा रहे घी में चर्बी मिलाई जा रही थी। नायडू ने यह भी कहा कि जिस कंपनी से घी लिया जा रहा था, उसे ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है और इस मामले की जांच विजिलेंस को सौंपी गई है।

मुख्यमंत्री नायडू ने कहा कि जिस कंपनी को घी सप्लाई करने का ठेका दिया गया था, उसका करार समाप्त कर दिया गया है और उसे ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा। यह कंपनी एक साल पहले ही प्रसादम में इस्तेमाल होने वाले घी की सप्लाई के लिए टेंडर जीत चुकी थी। अब विजिलेंस विभाग इस मामले की जांच करेगा ताकि सच सामने आ सके।

इस आरोप के बाद वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सांसद और तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के पूर्व चेयरमैन वाईवी सुब्बा रेड्डी ने चंद्रबाबू नायडू के बयानों को अपमानजनक बताया। उन्होंने कहा कि तिरुपति लड्डू प्रसादम की पवित्रता और शुद्धता पर नायडू के आरोप फर्जी हैं और इससे दुनियाभर के हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंची है।

सुब्बा रेड्डी ने दावा किया कि 2019 से लेकर 2024 तक, तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ने नैवेद्यम और प्रसादम तैयार करने में उच्चतम मानकों को बनाए रखा है। उन्होंने कहा कि इन पांच वर्षों में गुणवत्ता में सुधार हुआ है, और 2019 से पहले की तुलना में अब लड्डू प्रसादम की शुद्धता और गुणवत्ता और बेहतर हो गई है।

इस विवाद ने आंध्र प्रदेश में राजनीतिक माहौल को और गरमा दिया है। एक तरफ नायडू सरकार घी आपूर्तिकर्ता कंपनी पर कार्रवाई कर रही है, तो दूसरी तरफ  वाईएसआर कांग्रेस पार्टी इस आरोप को धार्मिक भावनाओं पर हमला बता रही है। अब सभी की नजरें इस मामले की विजिलेंस जांच और अदालत में होने वाली सुनवाई पर हैं।

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