



झालावाड़ शहर में दस दिन पहले हुई चाकूबाजी की घटना से जुड़े आरोपी युवक की रविवार को कोटा में इलाज के दौरान मौत हो गई। मृतक के परिजनों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि 9 दिन पहले पुलिसकर्मी युवक को घर से पकड़कर ले गए थे और उसकी बेरहमी से पिटाई की गई, जिससे उसकी हालत बिगड़ती चली गई। परिजनों का आरोप है कि पिटाई के कारण युवक के पैर में फ्रैक्चर हो गया और गंभीर चोटें आईं। इसके बाद पुलिस उसे घायल अवस्था में झालावाड़ के एसआरजी अस्पताल में छोड़ गई, जहां से हालत गंभीर होने पर उसे कोटा रेफर किया गया। कोटा में उपचार के दौरान रविवार को उसकी मौत हो गई।
मामला शहर के कोतवाली थाना क्षेत्र का है, जहां 18 दिसंबर को चाकूबाजी की वारदात हुई थी। इस प्रकरण में कच्ची बस्ती निवासी अनिल राव पुत्र हजारीलाल सहित तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। परिजनों का कहना है कि 19 दिसंबर को पुलिसकर्मी घर आए और अनिल को अपने साथ ले गए। जब परिजन कोतवाली पहुंचे तो पुलिस ने अनिल के वहां होने से इनकार कर दिया। बाद में गंभीर हालत में अनिल को अस्पताल में छोड़ा गया।
मृतक की मां ने आरोप लगाया कि उसके बेटे का नाम केवल एक मामूली झगड़े में दर्ज किया गया था, लेकिन उसके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया। वहीं, सर्वभाट ऑल इंडिया फाउंडेशन ने जिला कलेक्टर अजय सिंह को तीन सूत्रीय मांग पत्र सौंपते हुए दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने, पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये मुआवजा देने और मृतक के आश्रित को सरकारी नौकरी देने की मांग की है।
रविवार शाम को शव को कोटा से लाकर झालावाड़ के एसआरजी अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में समाज के लोग एकत्रित हो गए। बेटे का शव देखकर मृतक की मां पूजा दो बार बेहोश हो गई, जिन्हें अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया।
दूसरी ओर एसपी अमित कुमार ने पुलिस पिटाई के आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उनका कहना है कि अनिल राव पुलिस को देखकर भागने लगा था और इसी दौरान नीचे गिरने से वह घायल हुआ। पुलिस टीम तुरंत उसे एसआरजी अस्पताल के आउटडोर में लेकर गई, जहां जांच में पैर में हल्का हेयरलाइन फ्रैक्चर पाया गया। एसपी के अनुसार, पुलिस ने परिजनों को सूचना देकर अनिल को सौंप दिया था। बाद में तबीयत बिगड़ने पर परिजन स्वयं उसे अस्पताल लेकर आए और 20 दिसंबर को कोटा रेफर किया गया।
एसपी अमित कुमार ने बताया कि परिजनों द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच वृताधिकारी भवानीमंडी द्वारा की जा रही है। जांच के बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर दोषियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, सरकारी योजनाओं के तहत जो भी लाभ संभव होंगे, वे पीड़ित परिवार को दिलाए जाएंगे।