Friday, 26 December 2025

राजस्थान के स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल होगी साहिबजादों की वीरता गाथा, वीर बाल दिवस पर मुख्यमंत्री की घोषणा


राजस्थान के स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल होगी साहिबजादों की वीरता गाथा, वीर बाल दिवस पर मुख्यमंत्री की घोषणा

जयपुर। सिख समाज के दसवें और अंतिम गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह जी के साहिबजादों की अद्वितीय वीरता और बलिदान की कहानी अब राजस्थान के बच्चों को पढ़ाई जाएगी। वीर बाल दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने घोषणा की कि गुरु गोविंद सिंह जी के दो साहिबजादों साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह की शहादत और गौरव गाथा को राज्य की प्राथमिक शिक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे नई पीढ़ी को राष्ट्रप्रेम, धर्मरक्षा और मानवीय मूल्यों से प्रेरणा मिलेगी।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह जी के चारों साहिबजादों का बलिदान भारतीय इतिहास में राष्ट्रप्रेम और धर्म की रक्षा की अमर मिसाल है। उन्होंने विशेष रूप से साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह की शहादत को स्मरण करते हुए कहा कि अल्पायु में भी उन्होंने अत्याचार के आगे झुकने से इनकार किया और अपने धर्म व मूल्यों के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। ऐसे प्रसंग बच्चों के चरित्र निर्माण और नैतिक शिक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।

वीर बाल दिवस के अवसर पर शुक्रवार को जयपुर स्थित भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय में एक विशेष प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने संयुक्त रूप से किया। प्रदर्शनी में साहिबजादों के जीवन, संघर्ष और बलिदान से जुड़े चित्रों और जानकारियों को प्रदर्शित किया गया।

इस अवसर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने हिंदू–सिख एकता पर जोर देते हुए कहा कि दोनों धर्मों के मूल्य, परंपराएं और राष्ट्रप्रेम की भावना समान हैं। उन्होंने कहा कि धर्म या मजहब के आधार पर समाज को बांटना राष्ट्रहित में नहीं है। राठौड़ ने सिख समाज की परंपराओं का उल्लेख करते हुए कहा कि सिख समाज भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है और उसका योगदान राष्ट्र निर्माण में सदैव महत्वपूर्ण रहा है।



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