



जयपुर। नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) राजस्थान ने जयपुर में ‘अरावली बचाओ–भविष्य बचाओ’ अभियान के तहत पैदल मार्च निकाला। यह मार्च जालूपुरा थाने के सामने से शुरू होकर कलेक्ट्रेट तक प्रस्तावित था, लेकिन पुलिस ने गवर्नमेंट हॉस्टल चौराहे पर मार्च को रोक दिया। पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि प्रदर्शन की अनुमति यहीं तक दी गई थी और आगे बढ़ने की स्थिति में कार्रवाई की चेतावनी दी गई। इसके बाद मार्च को वहीं समाप्त कर दिया गया।
मार्च में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट अपने बेटे अरान पायलट के साथ शामिल हुए। यह पहला अवसर रहा जब सचिन पायलट किसी राजनीतिक प्रदर्शन में अपने बेटे के साथ नजर आए। इस दौरान उन्होंने अरावली पर्वतमाला को लेकर राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला।
सचिन पायलट ने कहा कि यह सोचने का विषय है कि आखिर ऐसी क्या मजबूरी है, जिसके चलते भाजपा सरकार अरावली की पहाड़ियों को खतरे की ओर धकेल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि आज भी सैकड़ों स्थानों पर अरावली क्षेत्र में खुलेआम अवैध खनन चल रहा है, जिसे रोकने में सरकार नाकाम साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि अदालतों में अलग हलफनामे दिए जाते हैं, जबकि जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल अलग है। पायलट ने 100 मीटर की परिभाषा को लेकर भी सवाल उठाते हुए कहा कि इससे नीचे की पहाड़ियों को अरावली न मानने का तर्क पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य के विपरीत है।
मार्च का नेतृत्व एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष विनोद जाखड़ ने किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने उन्हें कंधों पर बैठाकर मंच तक पहुंचाया। प्रदर्शन के दौरान नारेबाजी और पोस्टरों के माध्यम से अरावली के संरक्षण की मांग उठाई गई।
उधर, जालूपुरा क्षेत्र में नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल के सरकारी आवास के सामने मंच लगाए जाने को लेकर विवाद भी सामने आया। उनकी आपत्ति के बाद कार्यकर्ताओं को मंच करीब 200 मीटर आगे स्थानांतरित करना पड़ा। पूरे घटनाक्रम के दौरान पुलिस बल तैनात रहा और स्थिति पर नजर बनाए रखी गई।