Friday, 26 December 2025

पान मसाला विज्ञापन मामला: कोटा कंज्यूमर कोर्ट ने सलमान खान के हस्ताक्षरों की फोरेंसिक जांच के दिए आदेश


पान मसाला विज्ञापन मामला: कोटा कंज्यूमर कोर्ट ने सलमान खान के हस्ताक्षरों की फोरेंसिक जांच के दिए आदेश

कोटा। बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान से जुड़े पान मसाला विज्ञापन मामले में कोटा कंज्यूमर कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है। कोर्ट ने सलमान खान के वकालतनामे और जवाब पर किए गए हस्ताक्षरों की फोरेंसिक जांच (FSL) कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कोर्ट ने सलमान खान को 20 जनवरी को सभी संबंधित दस्तावेजों और नोटरी के साथ व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया है। यह आदेश उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 38(9)(घ) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 73(2) के तहत पारित किया गया है।

इस मामले में शिकायतकर्ता भाजपा नेता एवं एडवोकेट इंद्रमोहन सिंह हनी ने कोर्ट में आपत्ति दर्ज कराई थी कि सलमान खान की ओर से पेश किए गए वकालतनामे और जवाब पर किए गए हस्ताक्षर संदिग्ध हैं। उनका कहना था कि ये हस्ताक्षर सलमान खान के जोधपुर जेल और पूर्व में कोर्ट में किए गए हस्ताक्षरों से मेल नहीं खाते। इसी आधार पर उन्होंने हस्ताक्षरों की फोरेंसिक जांच और सलमान खान की व्यक्तिगत उपस्थिति की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि हस्ताक्षरों की जांच राज्य की अधिकृत एवं मान्यता प्राप्त एजेंसी या फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी (FSL) से कराई जाएगी। इसके साथ ही वकालतनामे और जवाब पर नोटरी करने वाले एडवोकेट आर.सी. चौबे को भी सलमान खान के साथ व्यक्तिगत रूप से पेश होने के निर्देश दिए गए हैं।

गौरतलब है कि इससे पहले 3 नवंबर को कोटा कंज्यूमर कोर्ट ने सलमान खान और राजश्री पान मसाला कंपनी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि ‘केसर युक्त इलायची’ के नाम पर भ्रामक विज्ञापन किया जा रहा है, क्योंकि 5 रुपये के पाउच में केसर मिलना संभव नहीं है। याचिका में यह भी कहा गया कि ऐसे विज्ञापनों से जनता भ्रमित हो रही है और युवा वर्ग कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की ओर बढ़ रहा है। शिकायतकर्ता ने स्वास्थ्य के लिए हानिकारक उत्पादों के प्रचार पर रोक लगाने और सलमान खान को मिले राष्ट्रीय पुरस्कार वापस लेने की भी मांग की थी।

सलमान खान की ओर से 27 नवंबर और फिर 9 दिसंबर को कोर्ट में जवाब पेश किए गए थे, जिनमें सभी आरोपों का खंडन किया गया। उनके वकील ने दलील दी थी कि विज्ञापन पान मसाला का नहीं बल्कि सिल्वर कोटेड इलायची का है और शिकायत गलत तथ्यों पर आधारित है। साथ ही यह भी कहा गया कि कानून में हस्ताक्षरों की जांच या अभिनेता को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए बाध्य करने का कोई प्रावधान नहीं है। हालांकि कोर्ट ने शिकायतकर्ता की आपत्ति को स्वीकार करते हुए हस्ताक्षरों की फोरेंसिक जांच के आदेश दे दिए हैं।

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