Thursday, 25 December 2025

पद्मनाभ सिंह को अर्जुन पुरस्कार 2025 के लिए सिफारिश, पोलो में अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने वाले युवा कप्तान को बड़ी उपलब्धि


पद्मनाभ सिंह को अर्जुन पुरस्कार 2025 के लिए सिफारिश, पोलो में अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने वाले युवा कप्तान को बड़ी उपलब्धि

जयपुर। जयपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य और भारतीय पोलो टीम के पूर्व कप्तान पद्मनाभ सिंह को राष्ट्रीय खेल पुरस्कार 2025 के अंतर्गत अर्जुन पुरस्कार के लिए सिफारिश किए जाने की खबर सामने आई है। 26 वर्षीय पद्मनाभ सिंह पोलो के क्षेत्र में भारत का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन कर चुके हैं और उनके योगदान को देखते हुए यह सिफारिश खेल जगत में अहम मानी जा रही है। पद्मनाभ सिंह, राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी और नरेंद्र सिंह के पुत्र हैं।

पद्मनाभ सिंह ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मेयो कॉलेज, अजमेर और इसके बाद इंग्लैंड के मिडफील्ड स्कूल से प्राप्त की। बचपन से ही पोलो के प्रति उनका रुझान रहा और कम उम्र में ही उन्होंने इस खेल में गंभीर प्रशिक्षण शुरू कर दिया। वर्ष 2015 में उन्होंने इंग्लैंड में अपने पेशेवर पोलो करियर की शुरुआत की, जहां वे विंडसर स्थित प्रतिष्ठित गार्ड्स पोलो क्लब के सदस्य बने। उनकी प्रतिभा और नेतृत्व क्षमता ने उन्हें जल्द ही अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई।

वर्ष 2017 में पद्मनाभ सिंह ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की, जब उन्होंने हर्लिंगम पार्क की ऐतिहासिक यात्रा के दौरान भारतीय राष्ट्रीय पोलो टीम की कमान संभाली। यह 70 से अधिक वर्षों में पहली बार था जब भारतीय टीम वहां खेलने पहुंची थी। इससे पहले उनके दादा भी इस प्रतिष्ठित टीम का नेतृत्व कर चुके थे, जिससे यह उपलब्धि पारिवारिक विरासत और खेल उत्कृष्टता दोनों का प्रतीक बन गई।

पोलो में शानदार प्रदर्शन के चलते पद्मनाभ सिंह को वर्ष 2018 में फोर्ब्स 30 अंडर 30 एशिया की सूची में शामिल किया गया। इसके अलावा, अमेरिकी वैश्विक ब्रांड यूएस पोलो ने उन्हें अपना ग्लोबल ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया, जिससे उनकी अंतरराष्ट्रीय लोकप्रियता और प्रभाव और बढ़ा। वे वर्तमान में राजस्थान पोलो क्लब के सदस्य और टीम के कप्तान भी हैं।

पद्मनाभ सिंह का मानना है कि भारत में पोलो का भविष्य उज्ज्वल है। वे युवाओं को इस खेल से जोड़ने के लिए पोलो स्कूलों की स्थापना, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और आवश्यक संसाधनों को उपलब्ध कराने की दिशा में सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं। अर्जुन पुरस्कार के लिए उनकी सिफारिश को न केवल व्यक्तिगत उपलब्धि, बल्कि भारतीय पोलो के लिए भी एक बड़ी मान्यता के रूप में देखा जा रहा है।

Previous
Next

Related Posts