Friday, 19 December 2025

जयपुर में बड़ा खुलासा: भिक्षावृत्ति पुनर्वास के नाम पर NGO ‘मेरी पहल’ में 18 लोग अवैध रूप से बंधक—RSLSA की छापेमारी में मानव तस्करी जैसी स्थितियां उजागर


जयपुर में बड़ा खुलासा: भिक्षावृत्ति पुनर्वास के नाम पर NGO ‘मेरी पहल’ में 18 लोग अवैध रूप से बंधक—RSLSA की छापेमारी में मानव तस्करी जैसी स्थितियां उजागर

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जयपुर में मानवता को शर्मसार करने वाला चौंकाने वाला मामला सामने आया है। भिक्षावृत्ति में शामिल लोगों के पुनर्वास और संरक्षण का दावा करने वाली NGO ‘मेरी पहल’ खुद ही 18 लोगों को अवैध रूप से कैद कर उनका शोषण करती पाई गई। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (RSLSA) की विशेष टीम ने बुधवार शाम झोटवाड़ा स्थित संस्था के परिसर पर छापेमारी कर इस बड़े नेटवर्क का खुलासा किया।

छापेमारी में 11 महिलाएं और 7 पुरुष, जिनमें दो लव मैरिज कर चुकी युवतियां, एक डॉक्टरी कर चुकी युवती, और कुछ मानसिक रूप से कमजोर व्यक्ति, बंधक अवस्था में मिले। कई लोगों को 8 महीने से लेकर 3 साल तक अवैध रूप से बंद रखा गया था। पीड़ितों ने बताया कि उन्हें भूखा रखकर मजदूरी, बाउंसरों द्वारा मारपीट, और विरोध करने पर लाठी-डंडों से पिटाई की जाती थी।

कैसे हुआ खुलासा

कुछ दिनों पहले चौमूं थाना क्षेत्र की एक युवती ने बयान दिया था कि संस्था में अवैध गतिविधियाँ चल रही हैं। इस पर RSLSA ने संज्ञान लिया और कार्रवाई की। निरीक्षण में पाया गया कि परिसर में 20 से अधिक CCTV कैमरे, सख्त सुरक्षा और अंदर-बाहर आने वालों की कड़ी निगरानी थी, जो किसी कारागार जैसी स्थिति को दर्शाती थी।

पीड़ितों के चौंकाने वाले आरोप

  • महिलाओं के साथ अश्लील व्यवहार

  • विरोध पर लाठी-डंडों से पिटाई

  • भूखा रखकर जबरन मजदूरी

  • स्टेशन व शहर के अन्य क्षेत्रों से लोगों को उठाकर लाना

  • कौशल विकास के नाम पर ढोलक बजाना सिखाने की आड़, पर वास्तविक प्रशिक्षण नहीं

  • रजिस्टर में दर्ज नामों और मौके पर मौजूद लोगों में भारी अंतर

  • मानसिक रूप से कमजोर लोगों को बिना इलाज जबरन कैद

एक पीड़ित बुजुर्ग ने बताया कि वह जनवरी 2023 से कैद था और सभी के लिए खाना बनाता था, पर उसे कोई मेहनताना नहीं दिया गया। यूपी, राजस्थान, बिहार और एमपी के कई लोग 8 महीने से 3 वर्ष तक यहां बंधक पाए गए।

NGO के रिकॉर्ड में बड़े खुलासे

NGO का दावा था कि वह स्किल डेवलपमेंट कार्य करती है, लेकिन मौके पर कोई गतिविधि नहीं मिली। रजिस्टर में दर्ज कई लोग उपस्थित नहीं थे और कई मौजूद लोगों के नाम रजिस्टर में दर्ज ही नहीं थे। यह तथ्य संस्था की गतिविधियों पर गहरा संदेह पैदा करता है।

रेस्क्यू प्रक्रिया और आगे की कार्रवाई

  • सभी पुरुषों की पहचान, बयान लेकर तत्काल मुक्त किया गया

  • महिलाओं और युवतियों को नारी निकेतन/सुरक्षित गृह भेजा गया

  • दो महिला चिकित्सकों द्वारा मेडिकल परीक्षण

  • दो वरिष्ठ महिला काउंसलरों द्वारा काउंसलिंग

  • RSLSA ने स्पष्ट किया कि संस्था और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर जांच होगी

कार्यवाही RSLSA के सदस्य सचिव हरिओम अत्री, एसीपी हनुमान मीणा, ADJ पल्लवी शर्मा, निदेशक नीरज कुमार भारद्वाज, CJM नवीन किलानिया, और पुलिस टीम की मौजूदगी में 3 घंटे चली। यह मामला Jaipur में मानवाधिकारों के खिलाफ चल रहे अवैध नेटवर्क का बड़ा खुलासा माना जा रहा है।

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