Friday, 19 December 2025

शांतिनगर में संगीतमय रामकथा: श्री राम–भरत मिलन के भावमय चित्रण ने किया सभी को भावविह्वल


शांतिनगर में संगीतमय रामकथा: श्री राम–भरत मिलन के भावमय चित्रण ने किया सभी को भावविह्वल

जयपुर। दुर्गापुरा के शांतिनगर स्थित शांतेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण में चल रही संगीतमय रामकथा के सातवें दिवस गुरुवार को कथा स्थल भक्ति, भावना और आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर हो गया। अयोध्या के सुप्रसिद्ध कथावाचक डॉ. उमाशंकर दास महाराज ने श्रीरामचरितमानस के अत्यंत मार्मिक श्री राम–भरत मिलन प्रसंग का हृदयस्पर्शी चित्रण किया, जिसने पंडाल में उपस्थित श्रद्धालुओं को भावविह्वल कर दिया।

डॉ. दास महाराज ने बताया कि जब कैकेयी पुत्र और प्रभु श्री राम के परम भक्त भाई भरत गुरु वशिष्ठ, माताओं और चतुरंगिणी सेना के साथ चित्रकूट पहुंचे, तो भरत ने श्री राम को साष्टांग दंडवत प्रणाम किया। यह दृश्य सुनाते समय स्वयं महाराज का गला भर आया और भक्तों की आंखें नम हो उठीं। उन्होंने बताया कि प्रभु श्री राम ने भरत को प्रेमपूर्वक अपनी बाहों में भर लिया—यह हमारी सनातन संस्कृति के आदर्श प्रेम, त्याग, कर्तव्य और धर्म के अनूठे उदाहरणों में से एक है।

कथा वाचक ने आगे बताया कि भरत के बार-बार आग्रह करने पर भी श्री राम ने वनवास पूरा होने से पहले अयोध्या लौटने से इनकार कर दिया। तब भरत ने श्री राम की अनुमति से उनकी पादुकाओं को नंदीग्राम में सिंहासन पर स्थापित कर दिया और स्वयं राजकाज चलाने लगे। महाराज ने कहा कि भरत का चरित्र भक्ति, आदर्श और मर्यादा की ऐसी मिसाल है कि केवल उनका स्मरण ही मनुष्य के हृदय में प्रभु श्री राम के प्रति प्रेम और भक्ति को बढ़ा देता है।

कथा से पूर्व प्रातःकालीन पूजा-अर्चना में मुरारी लाल शर्मा, रूपसिंह कविया, राजेश गुप्ता, सुरेश गुप्ता, मुकेश शर्मा और प्रहलाद गुप्ता ने जोड़े से मंडल वेदी की पूजा की तथा भगवान श्री सालिग्राम की आरती उतारकर कथा का शुभारंभ किया। कथा के आरम्भ में श्री राजपूत सभा के धीरसिंह शेखावत ने राजस्थानी परंपरा के अनुसार महाराज का साफा पहनाकर स्वागत किया।

मुख्य संयोजक रवि शर्मा ने बताया कि आज आनंद शर्मा द्वारा अयोध्या में महाराज की गौशाला के लिए एक ट्रक आलू भेजा गया है। कथा में प्रतिदिन की तरह आज भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए और श्री राम–भरत के दिव्य मिलन प्रसंग का रसपान किया।

Previous
Next

Related Posts