



अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद का राष्ट्रीय अधिवेशन इस बार राजस्थान के बालोतरा में 26 से 28 दिसंबर तक आयोजित किया जा रहा है। तीन दिन तक चलने वाले इस महाअधिवेशन में देशभर से 3,000 से अधिक अधिवक्ता, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश, विभिन्न हाईकोर्ट्स के वर्तमान एवं पूर्व जज और कई कानूनविद शामिल होंगे। परिषद की ओर से इसे अधिवक्ताओं का एक महत्वपूर्ण वैचारिक और विधिक मंथन कार्यक्रम बताया जा रहा है।
राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्रीहरि बोरिकर ने अधिवेशन की रूपरेखा साझा करते हुए कहा कि अधिवक्ता परिषद का ध्येय वाक्य ‘न्याय ममः धर्म’ समाज के अंतिम व्यक्ति तक न्याय पहुंचाने का संदेश देता है। उन्होंने कहा कि अधिवक्ताओं को न केवल प्रोफेशनल बल्कि इमोशनल अप्रोच के साथ भी कार्य करना चाहिए, ताकि समाज की समस्याओं और बुराइयों के समाधान में प्रभावी भूमिका निभाई जा सके।
राजस्थान हाईकोर्ट के अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेश पंवार ने बताया कि राष्ट्रीय अधिवेशन हर तीन साल में एक बार आयोजित होता है। पिछले अधिवेशन हरियाणा के कुरुक्षेत्र में हुआ था, उससे पहले लखनऊ और बैंगलोर में आयोजित किया गया था। इस बार जोधपुर प्रांत को मेजबानी मिलना अधिवक्ताओं के लिए गौरव का विषय है।
अतिरिक्त महाधिवक्ता श्यामसुंदर लदरेचा ने बताया कि तीन दिवसीय कार्यक्रम में कानून राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, सुप्रीम कोर्ट के जज, विभिन्न हाईकोर्ट्स के न्यायाधीश और कानून विशेषज्ञ कई विधिक विषयों पर गहन मंथन करेंगे। इसमें न्यायपालिका–विधिक सुधार, संविधान, सामाजिक न्याय तथा तकनीक के न्याय प्रणाली पर प्रभाव जैसे विषय प्रमुख रहेंगे।
प्रांत महामंत्री श्याम पालीवाल के अनुसार, जोधपुर प्रांत को राष्ट्रीय अधिवेशन की मेजबानी मिलने पर पूरे संगठन में उत्साह है। प्रांत अध्यक्ष सुनील जोशी ने कहा कि राजस्थान, विशेष रूप से मारवाड़ अपनी मेहमाननवाजी के लिए प्रसिद्ध है, इसलिए देशभर से आने वाले अधिवक्ताओं को राजस्थान की संस्कृति, परम्परा और आतिथ्य का सर्वश्रेष्ठ अनुभव कराया जाएगा।