Monday, 15 December 2025

राजस्थान विधानसभा में युवा संसद की शुरुआत: 41 जिलों के 164 छात्रों ने उठाए मानसिक स्वास्थ्य, करियर दबाव और भविष्य निर्माण के मुद्दे


राजस्थान विधानसभा में युवा संसद की शुरुआत: 41 जिलों के 164 छात्रों ने उठाए मानसिक स्वास्थ्य, करियर दबाव और भविष्य निर्माण के मुद्दे

राजस्थान विधानसभा में सोमवार को एक दिवसीय युवा संसद की शुरुआत हुई, जिसमें प्रदेश के सभी 41 जिलों से चयनित 164 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। ये विद्यार्थी सरकारी स्कूलों की 9वीं से 12वीं तक की कक्षाओं से चुने गए हैं।
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि “मजबूत बनने के लिए मजबूत मन होना सबसे जरूरी है। बच्चे अपने करियर का चयन अपनी रुचि और योग्यता के आधार पर करें, न कि दबाव में। डॉक्टर और इंजीनियर ही सबसे बड़े खुदा नहीं होते, हर क्षेत्र में समान अवसर और महत्व है।”

देवनानी ने कहा कि कई बच्चे बिना रुचि के करियर चुन लेते हैं और कोचिंग संस्थानों की दौड़ में अनावश्यक दबाव का शिकार हो जाते हैं। उन्होंने छात्रों को स्पष्ट संदेश दिया कि “दबाव में आने की जरूरत नहीं, करियर के अनेक विकल्प उपलब्ध हैं। सही मार्गदर्शन और करियर काउंसलिंग से ही भविष्य सुरक्षित बनता है।”

छात्रों ने निभाई स्पीकर, मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता की भूमिकाएं

युवा संसद में छात्रों ने मंत्री और विधायक के रूप में कार्य किया। सीकर के यश गोस्वामी स्पीकर,बांसवाड़ा के अथर्व जोशी मुख्यमंत्री,उदयपुर की हिमानी नेता प्रतिपक्ष,डूंगरपुर की मौली भट्ट शिक्षा मंत्री की भूमिका में रहीं। दो घंटे के इस सत्र में “हमारा भविष्य हमारा निर्णय”, मानसिक स्वास्थ्य, करियर दबाव और किशोर-किशोरियों के भावी मार्गदर्शन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई।

युवा संसद में गूंजी कोचिंग स्टूडेंट सुसाइड की चिंता

बहस के दौरान छात्रों ने कोचिंग इंडस्ट्री में बढ़ते दबाव, प्रतिस्पर्धा और छात्रों में मानसिक तनाव को गंभीर समस्या बताया। कई प्रतिभागियों ने कहा कि परीक्षा, रैंक और करियर को लेकर समाज व परिवार की अपेक्षाओं के कारण किशोरों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही हैं।

चयन प्रक्रिया—378 ब्लॉकों से शुरू होकर राज्य स्तर तक

युवा संसद के प्रतिभागियों का चयन शिक्षा विभाग के प्रबल कार्यक्रम के तहत किया गया।सबसे पहले 378 ब्लॉकों में प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं।प्रत्येक ब्लॉक से एक छात्र और एक छात्रा का चयन जिला स्तर के लिए किया गया।इसके बाद हर जिले से 2 छात्र और 2 छात्राएं चुनकर राज्य स्तरीय युवा संसद के लिए भेजे गए।

देवनानी ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम न केवल विद्यार्थियों में नेतृत्व क्षमता को विकसित करते हैं, बल्कि उन्हें लोकतंत्र की वास्तविक प्रक्रिया से भी परिचित कराते हैं। विधानसभा के सदन में आयोजित युवा संसद का सजीव प्रसारण विधानसभा के यूट्यूब चैनल पर भी किया गया।

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