



जयपुर में ब्याज माफियाओं के अत्याचार और कर्ज के दबाव से परेशान एक युवक ने आत्महत्या कर ली। फागी रोड स्थित माधोराजपुरा बस स्टैंड के पास शनिवार शाम युवक ने बाइक खड़ी कर जहरीला पदार्थ खा लिया। इलाज के दौरान जयपुरिया अस्पताल में उसकी मौत हो गई। मृतक की पहचान प्रतापनगर सेक्टर-35 में किराए से रहने वाले दाऊद मंसूरी (30) के रूप में हुई, जो पर्दे लगाने का काम करता था और अपनी पत्नी व दो बेटों के साथ रहता था।
पुलिस के अनुसार, दाऊद शनिवार सुबह फागी स्थित एक साइट पर काम का कहकर घर से निकला था। शाम करीब 5 बजे उसने सड़क किनारे बाइक खड़ी की और ज़हरीला पदार्थ खा लिया। हालत बिगड़ने पर वह बाइक के पास ही गिर पड़ा। राहगीरों ने सूचना दी, जिसके बाद एंबुलेंस से उसे नजदीकी अस्पताल ले जाया गया और बाद में जयपुरिया अस्पताल रेफर किया गया। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
पुलिस जांच में बड़ा खुलासा उस समय हुआ जब मृतक के मोबाइल से दो महीने पहले लिखा गया सुसाइड नोट मिला। इसमें दाऊद ने स्पष्ट लिखा था कि वह कर्ज वसूली में हो रहे टॉर्चर से परेशान होकर आत्महत्या कर रहा है। नोट में सरपंच उर्फ खलीक और चंदू नाम के दो लोगों को जिम्मेदार बताया गया है। दाऊद के अनुसार, उसने करीब 10 लाख रुपये ब्याज पर लिए थे, जिनकी मूल राशि चुकाने के बावजूद ब्याज पर ब्याज जोड़कर रकम दोगुनी कर दी गई थी। यही दबाव उसे आत्महत्या की ओर धकेल रहा था।
परिजनों ने बताया कि ब्याज माफियाओं के डर और उत्पीड़न के कारण दाऊद करीब छह महीने पहले घर छोड़कर चला गया था। सांगानेर थाने में गुमशुदगी दर्ज कराने के बाद वह दो दिन में वापस आया। मानसिक तनाव में उसने दो महीने पहले आत्महत्या करने के इरादे से सुसाइड नोट लिखा और उसकी फोटो अपने मोबाइल में सेव कर ली थी। बताया गया कि दाऊद ने यह फोटो अपने कुछ परिचितों को भी भेजी थी।
पुलिस ने दाऊद के मोबाइल को जब्त कर लिया है और सुसाइड नोट में लिखे नामों के आधार पर जांच शुरू कर दी है। पोस्टमॉर्टम मेडिकल बोर्ड से करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया गया है। मामला ब्याज माफियाओं की अवैध वसूली के खिलाफ एक बार फिर गंभीर सवाल खड़ा करता है।