Saturday, 13 December 2025

राजस्थान कांग्रेस में जिलाध्यक्षों की नई नियुक्तियों के संकेत: 30 से अधिक जिलों में संभावित नाम तय


राजस्थान कांग्रेस में जिलाध्यक्षों की नई नियुक्तियों के संकेत: 30 से अधिक जिलों में संभावित नाम तय

राजस्थान कांग्रेस में संगठनात्मक फेरबदल के तहत जिलाध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर चर्चा तेज हो गई है। एआईसीसी द्वारा वन-टू-वन फीडबैक, पैनल रिपोर्ट और हाईकमान के पुनर्विचार के बाद अब विभिन्न जिलों के लिए संभावित जिलाध्यक्षों के नाम लगभग तय माने जा रहे हैं। पार्टी संगठन के भीतर चल रही गहन चर्चा और हाईकमान की रणनीति के अनुसार प्रदेश के 30 से अधिक जिलों में नए चेहरों को जिलाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी मिलने के संकेत हैं।

सूत्रों के अनुसार, श्रीगंगानगर में रूपेंद्र कुन्नर, हनुमानगढ़ में मनीष गोदारा, झुंझुनूं में रीटा चौधरी, सीकर में सुनीता गठाला, बीकानेर देहात में बिशनाराम सिहाग, और बीकानेर शहर में मकसूद या मदन मेगवाल के नाम पर विचार किया जा रहा है। डीडवाना में जाकिर हुसैन, नागौर में हनुमान बांगड़वा, और उदयपुर देहात में रघुवीर मीणा की संभावनाएं मजबूत दिखाई दे रही हैं।

उधर आदिवासी बेल्ट में भी नए जिलाध्यक्षों के चयन में महत्वपूर्ण बदलाव के संकेत हैं। प्रतापगढ़ के लिए दिग्विजय सिंह, बांसवाड़ा के लिए रमेश पांडया, डूंगरपुर के लिए गणेश घोघरा, और राजसमंद के लिए आदित्य प्रताप सिंह के नाम प्रमुखता से उभर रहे हैं।

जयपुर और कोटा जैसे बड़े जिलों में भी बदलाव लगभग तय माना जा रहा है। जयपुर देहात के लिए विद्याधर चौधरी, जयपुर ईस्ट देहात के लिए गोपाल मीणा, खैरथल के लिए बलराम यादव, और भरतपुर के लिए सुपा (repeat) का नाम सामने आया है। करौली में लाखन मीणा, सवाई माधोपुर में इंदिरा मीणा, और जयपुर शहर के लिए सुनील शर्मा या पुष्पेंद्र भारद्वाज के नाम पर मंथन चल रहा है।

कोटा शहर में राखी गौतम, कोटा देहात में भानु प्रताप (repeat), बूंदी में महावीर मीणा, उदयपुर शहर में दिनेश श्रीमाली या फतेह सिंह (repeat) को जिलाध्यक्ष बनाए जाने की संभावना है। जालोर-सिरोही क्षेत्र में भी बड़े बदलाव के संकेत हैं, जबकि जैसलमेर में अमरदीन फकीर, फलोदी में सलीम, बाड़मेर में लक्ष्मण गोदारा, ब्यावर में आशीष पाल पदावत और चित्तौड़गढ़ में प्रमोद सिसोदिया के नाम प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं।

इन संभावित नामों ने प्रदेश के राजनीतिक हलकों में उत्सुकता बढ़ा दी है। माना जा रहा है कि हाईकमान प्रदेश संगठन में संतुलन, जातीय समीकरण, पुराने कार्यकर्ताओं को सम्मान और नए चेहरों को जिम्मेदारी देने की रणनीति के तहत यह सूची अंतिम रूप देने की तैयारी में है। एआईसीसी के संकेतों के अनुसार सूची अगले कुछ दिनों में कभी भी जारी हो सकती है।

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