



टोंक, 17 नवंबर। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव, पूर्व उपमुख्यमंत्री और टोंक विधायक सचिन पायलट ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और इसकी पहचान हमेशा मजबूत संवैधानिक संस्थाओं के कारण रही है। उन्होंने कहा कि पहले के समय में निर्वाचन आयोग देश के सबसे कठिन इलाकों — पहाड़ों, रेगिस्तानों और सीमावर्ती गांवों तक पहुंचकर हर नागरिक को मतदान का अधिकार सुनिश्चित करता था। लेकिन आज, केंद्र की भाजपा सरकार ने इन संस्थाओं में हस्तक्षेप कर लोकतंत्र को कमजोर करने का कार्य किया है।
पायलट शनिवार को टोंक जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय में आयोजित कांग्रेस पार्टी के बीएलए (बूथ लेवल एजेंट) प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने कई राज्यों में मतदाता सूचियों की जांच कर उनमें हुई गड़बड़ियों को उजागर किया है। पायलट के अनुसार, ये त्रुटियां अनजाने में नहीं बल्कि साजिश के तहत की गई गलतियां हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव करके उसे कमजोर किया है। इतना ही नहीं, भाजपा सरकार ने बिहार चुनाव के दौरान महिलाओं के खातों में 10-10 हजार रुपये डालने जैसे कदम उठाए और चुनाव आयोग मूकदर्शक बना रहा। पायलट ने कहा कि यह स्पष्ट संकेत है कि चुनाव आयोग की निष्पक्षता खतरे में है।
पायलट ने कहा कि लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए जनता को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना होगा। उन्होंने कहा कि "देश बदलने से पहले स्वयं को बदलना जरूरी है।" पायलट ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य में सतर्कता और सक्रियता से भाग लेने का आह्वान किया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के बाद सचिन पायलट ने टोंक में नवनिर्मित गहलोद पुल का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि पुल, न्यू हॉस्पिटल और अन्य कई वृहद विकास परियोजनाएं तैयार हो चुकी हैं। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया कि इन परियोजनाओं का शीघ्र लोकार्पण कर उन्हें जनता को समर्पित किया जाए।