Wednesday, 19 November 2025

तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के लिए स्लीपर सेल तैयार कर रहा था सांचौर का मौलवी ओसामा उमर, 3 लाख कट्टरवादी फोटो मिले—अफगानिस्तान जाने से पहले ही एटीएस ने पकड़ा


तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के लिए स्लीपर सेल तैयार कर रहा था सांचौर का मौलवी ओसामा उमर, 3 लाख कट्टरवादी फोटो मिले—अफगानिस्तान जाने से पहले ही एटीएस ने पकड़ा

राजस्थान एटीएस द्वारा गिरफ्तार सांचौर निवासी मौलवी ओसामा उमर की आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े सनसनीखेज खुलासे सामने आए हैं। ओसामा आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के लिए सक्रिय रूप से स्लीपर सेल तैयार कर रहा था और उसने कई युवाओं को जिहादी ट्रेनिंग के लिए प्रेरित कर लिया था। इनमें से चार युवाओं को एटीएस ने डी-रेडिकलाइजेशन प्रक्रिया के लिए भेज दिया है। पकड़े जाने से पहले ओसामा ने अपने मोबाइल का पूरा डेटा डिलीट कर दिया था, लेकिन एफएसएल टीम ने उसके फोन से करीब 3 लाख से अधिक कट्टरवादी फोटो रिकवर कर लीं। ये तस्वीरें उर्दू, अरबी और फारसी में लिखे कट्टरपंथी संदेशों से भरी हैं, जिन्हें भाषा विशेषज्ञों से जांच करवाया जाएगा।

जांच में पता चला कि ओसामा लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी सैफुल्लाह से अत्यधिक प्रभावित था और उसके वीडियो नियमित रूप से देखता था। सैफुल्लाह के कुछ रिश्तेदार भी ओसामा के संपर्क में थे, जिनसे वह वॉयस मैसेज के जरिए युवाओं को जोड़कर उनका ब्रेनवॉश करता था। एटीएस के आईजी विकास कुमार ने बताया कि ओसामा को 4 नवंबर को सांचौर से डिटेन किया गया, 6 नवंबर को प्रमाणित गिरफ्तारी हुई और उससे पूछताछ में पता चला कि वह 8 नवंबर को दुबई भागने की तैयारी में था, जहां से उसे अफगानिस्तान के आतंकी कैंप में ट्रेनिंग लेने जाना था। एटीएस ने उसे 14 नवंबर को रिमांड पर लिया था।

एफएसएल की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि ओसामा पिछले चार वर्ष से आतंकियों के संपर्क में था और उसका पूरा नेटवर्क धीरे-धीरे सक्रिय किया जा रहा था। स्लीपर सेल तैयार करने के बाद ट्रेनिंग लेकर भारत लौटकर इस मॉड्यूल को एक्टिवेट करने का प्लान भी उसने बना रखा था। ओसामा के कब्जे से अफगानिस्तान की एक सिम भी बरामद हुई है, जिसकी उत्पत्ति और उपयोग को लेकर एजेंसियां जांच कर रही हैं।

चौंकाने वाली बात यह भी है कि ओसामा का पारिवारिक बैकग्राउंड राजनीतिक और धार्मिक प्रभाव वाला रहा है। उसके परनाना वली मोहम्मद बाड़मेर से विधायक (1957–1962) रह चुके थे और उसके नाना जमीयत उलेमा-ए-हिंद राजस्थान के नायब रहे हैं। पूछताछ में परिवार ने स्वीकार किया कि उन्हें ओसामा की कट्टरवादी गतिविधियों की जानकारी थी और उन्होंने कई बार उसे समझाने की कोशिश भी की, लेकिन वह नहीं माना। यह मामला राजस्थान में आतंकी मॉड्यूल की सक्रियता पर गंभीर चिंता का विषय बन गया है।

    Previous
    Next

    Related Posts