



राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय, भरतपुर के निलंबित कुलपति प्रो. रमेश चंद्रा को तत्काल प्रभाव से पद से हटाने के आदेश जारी किए हैं। इससे पहले प्रो. चंद्रा के खिलाफ गंभीर अनियमितताओं की शिकायतें प्राप्त होने पर राजभवन ने उन्हें निलंबित कर जांच शुरू करवाई थी। अब राज्य सरकार की औपचारिक सलाह पर राज्यपाल ने कुलपति को पद से हटाने का अंतिम आदेश पारित कर दिया है, जिससे विश्वविद्यालय प्रशासन में बड़ा बदलाव माना जा रहा है।
राज्यपाल के आदेशों के अनुसार, प्रो. रमेश चंद्रा पर विश्वविद्यालय के नियमों का पालन न करने, फंड के दुरुपयोग, अनियमित भुगतान और वित्तीय प्रावधानों की अवहेलना जैसे गंभीर आरोप थे। जांच में पाया गया कि उन्होंने स्थापित नियमों को नज़रअंदाज़ करते हुए मनमर्जी से निर्णय लिए, जिनसे विश्वविद्यालय को वित्तीय नुकसान पहुंचा। वित्त विभाग के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन और प्रशासनिक पारदर्शिता में कमी जैसे आरोप भी जांच में सही पाए गए।
राजभवन को पिछले कुछ महीनों से प्रो. चंद्रा के कार्यकाल से जुड़ी कई शिकायतें प्राप्त हो रही थीं। इन शिकायतों की प्रारंभिक पुष्टि के बाद राज्यपाल ने उन्हें सस्पेंड किया था और विस्तृत जांच के आदेश दिए थे। जांच में आरोप प्रमाणित होने पर राज्यपाल ने कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें कुलपति पद से हटा दिया।
बताया जा रहा है कि बृज विश्वविद्यालय के मामले के अतिरिक्त भी विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के खिलाफ शिकायतें राजभवन तक पहुंची हैं। कुछ दिन पहले जोबनेर कृषि विश्वविद्यालय के वीसी को भी राज्यपाल ने पद से हटाने के आदेश दिए थे, जिन पर बाद में हाईकोर्ट ने रोक लगा दी। इसी प्रकार अन्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के खिलाफ भी राजभवन में शिकायतें लंबित हैं, और कई मामलों में जांच जारी है। जांच पूरी होने पर और कार्रवाई की संभावना से इन विश्वविद्यालयों में प्रशासनिक हलचल बढ़ने की आशंका है।