



देश की संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से 19 दिसंबर 2025 तक चलेगा। कुल 19 दिनों के इस सत्र में 15 बैठकें होंगी। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरन रिजिजू ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इसकी जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सत्र बुलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
इससे पहले संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से 21 अगस्त तक चला था। सत्र की शुरुआत ही हलचल से हुई, जब राज्यसभा के तत्कालीन उपसभापति जगदीप धनखड़ ने पहले दिन ही इस्तीफा दे दिया। इसके बाद पूरा सत्र बिहार के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) अभियान को लेकर विपक्ष के जोरदार हंगामे के कारण लगातार बाधित होता रहा।
मानसून सत्र में लोकसभा के लिए तय किए गए 120 घंटे के चर्चा समय में से केवल 37 घंटे ही सुचारू रूप से कार्यवाही चल सकी, जबकि राज्यसभा में भी मात्र 41 घंटे चर्चा हो पाई। बावजूद इसके, दोनों सदनों ने मिलकर 27 बिल पास किए, जिनमें गिरफ्तार PM-CM को हटाने से जुड़ा बहुचर्चित संविधान संशोधन बिल सबसे ज्यादा चर्चा में रहा। इसे आगे की जांच और विस्तृत अध्ययन के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास भेजने का प्रस्ताव पारित हुआ।
शीतकालीन सत्र के दौरान केंद्र सरकार कई महत्वपूर्ण विधेयक लाने की तैयारी में है, जबकि विपक्ष सत्र को पिछले मुद्दों और आर्थिक-सामाजिक मसलों पर सरकार घेरने के लिए तैयार माना जा रहा है।