



एलिकांटे, स्पेन। विश्व स्तर पर सामाजिक विपणन रणनीतियों पर केंद्रित प्रतिष्ठित 9th World Social Marketing Conference में भारत ने इस बार हाईटेक अंदाज़ में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। डब्ल्यूएचओ सिविल सोसायटी कमिशन के कम्युनिकेशन एंड नेटवर्किंग कार्यसमूह के सदस्य डॉ. रमेश गांधी ने अपने AI वर्चुअल अवतार के माध्यम से एक अनूठी और प्रभावशाली प्रस्तुति दी।
यह कॉन्फ्रेंस स्पेन के Alicante University में 5 से 7 नवंबर तक आयोजित हुआ, जिसमें 40 देशों के 200 से अधिक विशेषज्ञों ने भाग लिया और कुल 136 समानांतर सत्र आयोजित हुए।
इस बार की थीम थी —“Catalysts For Change: United Global Efforts To Shape A Better Future”जिसके बीच डॉ. गांधी का शोध तंबाकू उद्योग की कपटपूर्ण मार्केटिंग और सरोगेट विज्ञापनों के खतरों पर केंद्रित रहा।
डॉ.रमेश गांधी ने अपने शोध पत्र “Smashing The Smoke Screen: Strategies to Stop Deceptive Tobacco Advertising” को AI Generated Avatar की मदद से प्रस्तुत किया।
यह प्रस्तुति भारत की ओर से एकमात्र रिसर्च पेपर थी, जिसने वैश्विक मंच पर तंबाकू कंपनियों की छलपूर्ण मार्केटिंग रणनीतियों की पोल खोली।
अपनी प्रस्तुति में उन्होंने भारत के सन्दर्भ में चौंकाने वाले तथ्य सामने रखे—26.7 करोड़ तंबाकू उपयोगकर्ता,हर वर्ष 13 लाख मौतें,₹ 2.42 लाख करोड़ (27.5 बिलियन USD) का आर्थिक बोझ
उन्होंने तंबाकू कंपनियों के भ्रामक सरोगेट विज्ञापनों को “सामाजिक खलनायकी” करार दिया।
डॉ. गांधी ने बताया कि भारत में सरोगेट विज्ञापन जानबूझकर इन कानूनों का उल्लंघन करते हैं:
WHO FCTC का Article 13
COTPA Act 2003, Section 5
Consumer Protection Act 2019
Cable Television Network Act 1995
ASCI Advertising Code
उन्होंने कहा कि ऐसे विज्ञापनों में शामिल सेलेब्रिटी “रोल मॉडल नहीं, बल्कि सामाजिक खलनायक” बन जाते हैं।
Kaiten Software India ने AI अवतार और तकनीकी सहयोग दिया।Guider Innoversity ने रिसर्च में योगदान दिया। प्रस्तुति में सरोगेट विज्ञापनों पर Dr. गांधी की डॉक्यूमेंट्री के अंश भी दिखाए गए।
भारत के 3 राज्यों पर आधारित रणनीतिक मॉडल
राजस्थान, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के फिल्ड स्टडी के आधार पर डॉ. गांधी ने एक मल्टी-लेयर स्ट्रैटेजिक मॉडल प्रस्तुत किया, जो तंबाकू,शराब,ड्रग्सऔर अन्य हानिकारक उत्पादों के सरोगेट विज्ञापनों को रोकने में उपयोगी हो सकता है।
अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया के कई शीर्ष विशेषज्ञों ने भी प्रस्तुति दी, जिनमें शामिल थे: प्रो. Doug Evan (George Washington University),प्रो. Mayo De Juan (Alicante University),प्रो. Shareen Rundle (Griffith University, Australia), प्रो. Linda Wardfield (Tufts University, USA) कुल 34 देशों के प्रतिनिधि इस वैश्विक आयोजन में शामिल हुए।
सरोगेट विज्ञापन रोकथाम को वैश्विक अभियान बनाने के लिए Dr. गांधी ने एक QR Code भी जारी किया, जिसके माध्यम से दुनिया के लोग इस मिशन से जुड़ सकेंगे।