



जयपुर में नकली नोटों का बड़ा नेटवर्क चलाने वाली गैंग का पर्दाफाश हुआ है। नारायण विहार थाना पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर 43.24 लाख रुपए के नकली नोट बरामद किए हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इस गैंग में शामिल सभी युवक न केवल 10वीं–12वीं पास थे, बल्कि गैंग के दो सदस्य जयपुर में किराए के कमरे में रहकर पटवारी और पुलिस सब इंस्पेक्टर जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे।
पुलिस के अनुसार, गैंग का मास्टरमाइंड 12वीं पास और पूर्व मोबाइल शॉप संचालक है, जो दो बार जेल जा चुका है। जेल से निकलकर वह फिर से इसी अवैध धंधे में लग गया। गैंग के सदस्य बेहतर लाइफस्टाइल और आसान पैसा कमाने की चाह में इस क्रिमिनल नेटवर्क का हिस्सा बन गए।
जांच में सामने आया कि गैंग पिछले एक साल में करोड़ों रुपए के नकली नोट छापकर मार्केट में खपा चुकी है। ये लोग डिमांड पर नकली नोट तैयार करते थे और शहर के कई इलाकों में इन्हें सर्कुलेट करते थे।
इस कार्रवाई की शुरुआत तब हुई जब SOG (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) को नकली नोट छापने की सूचना मिली। SOG ने टेक्निकल सर्विलांस के जरिए नेटवर्क को डीकोड किया और नारायण विहार थाना पुलिस को अलर्ट किया। इसके बाद थाना प्रभारी गुंजन सोनी की टीम ने कार्रवाई करते हुए 17 अक्टूबर को एक फ्लैट पर दबिश दी, जहां से राजेंद्र चौधरी और शंकर को रंगे हाथों पकड़ लिया गया।
पूरे गिरोह की गिरफ्तारी के साथ ही एक बड़े फेक करेंसी रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस अब इस गैंग के नेटवर्क, सप्लाई चेन, मशीनरी और ग्राहकों की जानकारी जुटा रही है ताकि पूरे सिंडिकेट को जड़ से खत्म किया जा सके।