



जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क से जुड़े एक प्रशासनिक चूक के मामले में वन विभाग ने तीन अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। ‘हरियालो राजस्थान’ अभियान से संबंधित जिस प्रचार सामग्री का औपचारिक विमोचन किसी बड़े जनप्रतिनिधि या वरिष्ठ अधिकारी के हाथों होना था, वह पोस्टर अचानक सोशल मीडिया पर प्रसारित हो गए। इन पोस्टरों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की तस्वीरें लगी थीं। चूंकि ऐसी सामग्री को सार्वजनिक करने से पहले सक्षम अधिकार स्तर से अनुमति अनिवार्य होती है, इसलिए इसे विभाग ने गंभीर लापरवाही माना है।
उप वन संरक्षक (DCF) विजय पाल सिंह ने नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के एसीएफ देवेंद्र सिंह राठौड़, अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी रामधन मीणा और क्षेत्रीय वन अधिकारी (उड़नदस्ता जू) गौरव कुमार को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। नोटिस में कहा गया है कि यह कृत्य अशोभनीय, गंभीर और स्पष्ट रूप से सेवा नियमों का उल्लंघन है। अधिकारियों से दो दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया है कि बिना मंजूरी पोस्टर कैसे जारी हुए।
सूत्रों के अनुसार, बुधवार शाम विभाग के आधिकारिक वॉट्सऐप ग्रुप में इन पोस्टरों को साझा करने का एक निर्देश दिया गया। इसके बाद कुछ अधिकारियों ने इन्हें अपने स्टेटस और अन्य समूहों में भी शेयर कर दिया। जैसे ही मामला वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में आया, तुरंत कार्रवाई शुरू हुई और सभी संबंधित अधिकारियों को नोटिस थमा दिए गए। अब जांच में यह स्पष्ट होगा कि सोशल मीडिया पर पोस्टर जारी करने की पहल किसने की और क्या यह कदम जानबूझकर उठाया गया था या अनजाने में चूक हुई।
बताया जाता है कि जिन पोस्टरों पर विवाद हुआ है, वे नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क, हाथी गांव, बीड़ पापड़ लेपर्ड सफारी और झालाना लेपर्ड सफारी से जुड़े प्रचार अभियान का हिस्सा थे। नियमों के अनुसार, प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री की तस्वीर वाले किसी भी आधिकारिक पोस्टर का प्रकाशन केवल उच्चाधिकारियों की स्वीकृति के बाद ही किया जा सकता है। बिना अनुमति ऐसा करना विभागीय अनुशासन का उल्लंघन माना जाता है, जिस पर अब आगे की कार्रवाई संबंधित अधिकारियों के जवाब पर निर्भर करेगी।