



अंता विधानसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने पूरे दमखम के साथ चुनावी मैदान में उतरने की रणनीति तेज कर दी है। बुधवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अंता से लेकर सीसवाली तक भव्य रोड शो किया, जिसमें बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और स्थानीय लोग शामिल हुए। वहीं नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली 7 नवंबर तक लगातार अंता क्षेत्र में डेरा डाले हुए हैं। इधर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी 7 से 9 नवंबर तक अंता में रहने वाले हैं, जिससे पार्टी का वरिष्ठ नेतृत्व पूरी तरह चुनाव प्रचार में जुट गया है।
चुनाव को देखते हुए कांग्रेस ने अपने संगठनात्मक कार्यक्रमों को अस्थायी रूप से रोक दिया है। 6 नवंबर को होने वाला विधानसभा क्षेत्र समन्वयकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम भी स्थगित कर दिया गया है, ताकि सभी नेता और कार्यकर्ता उपचुनाव में पूरी ऊर्जा से हिस्सा ले सकें।
इस बीच चुनाव प्रचार के चरम पर पहुंचते ही समर्थकों के बीच तनाव और टकराव की स्थिति भी बनती दिख रही है। कई जगह समर्थकों में हाथापाई और धक्का-मुक्की तक हो गई है, हालांकि ये घटनाएं अभी तक थाने तक नहीं पहुंची हैं। दो दिन पहले रात के समय सीसवाली के पास कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के काफिले को निर्दलीय प्रत्याशी के समर्थकों ने घेर लिया था और जमकर नारेबाजी की थी।
टकराव की आशंका को देखते हुए ही मांगरोल में सचिन पायलट का प्रस्तावित रोड शो और सभा ऐनवक्त पर स्थगित करनी पड़ी। बुधवार को बोहत क्षेत्र में भी उम्मीदवारों के समर्थकों के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि धक्का-मुक्की और कहासुनी की नौबत आ गई।
अंता उपचुनाव में राजनीतिक गर्मी बढ़ चुकी है और अब प्रचार अपने अंतिम दौर में है। कांग्रेस का दावा है कि वरिष्ठ नेताओं की एकजुटता और क्षेत्र में बढ़ता जनसमर्थन उसकी जीत सुनिश्चित करेगा, वहीं समर्थकों में बढ़ता तनाव चुनावी मुकाबले को और भी रोचक बना रहा है।