



जयपुर। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा है कि आरएसएस चुनाव नहीं लड़ता, लेकिन वह ऐसे शासन कर रहा है जैसे जनता ने उसे चुनकर भेजा हो। डोटासरा का आरोप था कि बिना जनता के वोट के आरएसएस ने सरकारों पर अपना अंकुश और आधिपत्य जमा लिया है और वह प्रदेश को वैसा ही नियंत्रित कर रहा है जैसा केंद्र-शासित क्षेत्र होता है।
डोटासरा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि राजस्थान की स्वायत्तता प्रभावित हुई है और "केंद्र के बिना यहाँ कुछ भी होना संभव नहीं रहा"। उन्होंने यह भी कहा कि नौकरशाही पूरी तरह हावी हो चुकी है — चाहे मुख्यमंत्री हों या मंत्री, जायज बात कहने पर भी उन्हें सुनना तक उचित नहीं समझा जाता। उन्होंने जोड़ा कि इस स्थिति में आम जनता की कैसी हालत होगी इसका अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
डोटासरा ने कहा कि मंत्री आजकल जिलों में अकेले जाते हैं और उनसे मिलने वाले कार्यकर्ताओं-समर्थकों की संख्या घटती जा रही है। उनके शब्दों में जब मंत्री जिलों में जाते हैं तो सर्किट हाउस में पांच लोग भी उनसे मिलने नहीं आते। उनके कार्यकर्ताओं में उनसे उम्मीदें खत्म हो चुकी हैं। मंत्री अब बस कलेक्टरों के साथ चाय-नाश्ता करके निकल लेते हैं — ये दिन प्रतिदिन लोकतंत्र को कमजोर करने वाले हालात हैं।”
डोटासरा ने चेतावनी भी दी कि जनता इस बार उन नेताओं को सबक सिखाएगी जो जनहित में नहीं खड़े हैं। उनका आरोप था कि भाजपा के नेता अपने कर्तव्यों में विफल हैं और जनता के भरोसे को खो चुके हैं। उन्होंने कहा:अबकी बार ये (जन) टैंपो में बैठने जितने भी नहीं आएंगे। हमारे कार्यकर्ताओं की मेहनत से इनका सफाया कर देंगे।
डोटासरा ने ठेके देने के तरीके पर भी तीखा आरोप लगाया और कहा कि आज जिन ठेकों पर ठेके दिए जा रहे हैं, वे “गुजराती लॉबी” के पास जा रहे हैं, जो दिल्ली की पर्ची लेकर आकर ठेका हासिल कर लेती है। उन्होंने उन उदाहरणों का जिक्र किया जहाँ मंत्री ने किसी ठेके पर सवाल उठाया, पर कुछ ही दिनों में माफ़ी-भरी मुद्रा में सब ठिक कर दिया गया। डोटासरा ने कहा कि ऐसे मामलों के कम-से-कम 20 उदाहरण दिए जा सकते हैं।