



राजस्थान में शुक्रवार तड़के राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और एंटी टेरेरिस्ट स्क्वॉड (ATS) ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए जोधपुर और जालौर जिलों से तीन संदिग्ध व्यक्तियों को हिरासत में लिया। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि इनमें से दो संदिग्ध धार्मिक शिक्षण संस्थानों से जुड़े मौलवी हैं।
सूत्रों के अनुसार, इनका कनेक्शन एक अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन से होने की आशंका जताई जा रही है।
यह कार्रवाई इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) से मिली पुख्ता सूचना के आधार पर की गई। शुक्रवार सुबह करीब 5 बजे एनआईए, एटीएस और आईबी की संयुक्त टीमों ने एक साथ छापेमारी की।
छापे जोधपुर के चौखा और पीपाड़, तथा जालौर जिले के सांचौर क्षेत्र में मारे गए।
जोधपुर के चौखा क्षेत्र से अयूब नामक संदिग्ध, पीपाड़ से एक अन्य व्यक्ति और सांचौर से तीसरे संदिग्ध को हिरासत में लिया गया है। बताया जा रहा है कि अयूब और सांचौर से पकड़ा गया व्यक्ति धार्मिक शिक्षण संस्थान से जुड़े हुए हैं।
छापेमारी के दौरान सुरक्षा एजेंसियों ने कई संदिग्ध दस्तावेज, मोबाइल फोन, लैपटॉप और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त किए हैं।
अधिकारियों के अनुसार, जब्त किए गए डिजिटल डाटा और दस्तावेजों की जांच की जा रही है ताकि उनके विदेशी संपर्क और आतंकी नेटवर्क से संभावित लिंक का पता लगाया जा सके।
तीनों संदिग्धों को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जोधपुर मुख्यालय लाया गया है, जहां उनसे एनआईए और एटीएस की संयुक्त टीम पूछताछ कर रही है।
सूत्रों का कहना है कि यह कार्रवाई राजस्थान और आसपास के राज्यों में सक्रिय संदिग्ध नेटवर्क को तोड़ने के लिए की गई है।
एनआईए और एटीएस ने फिलहाल मामले की पुष्टि नहीं की है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों के उच्चाधिकारियों का कहना है कि यह “संदिग्ध नेटवर्क से जुड़ा संवेदनशील मामला” है।
पूछताछ के बाद एजेंसियां दिल्ली मुख्यालय को विस्तृत रिपोर्ट भेजेंगी।