



जयपुर। बिहार की तर्ज पर अब राजस्थान में भी वोटर लिस्ट का स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) शुरू हो गया है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने इसकी आधिकारिक घोषणा करते हुए कहा कि प्रदेश की सभी 199 विधानसभा सीटों पर हर बूथ की मतदाता सूची की व्यापक जांच की जाएगी और हर वोटर का पुनः वेरिफिकेशन किया जाएगा।
चुनाव आयोग के निर्देशानुसार रात 12 बजे से मतदाता सूची फ्रीज कर दी गई है। अब बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLOs) घर-घर जाकर फॉर्म वितरित करेंगे। BLO एक घर में कम से कम तीन बार जाकर मिलान सुनिश्चित करेंगे। गड़बड़ी मिलने पर दस्तावेज मांगे जाएंगे और संदिग्ध व मताधिकार के अपात्र लोगों के नाम सूची से हटाए जाएंगे।
SIR प्रक्रिया के दौरान चुनावी तैयारियों में बाधा न आए, इसलिए अब फरवरी तक कलेक्टर, SDM, ADM, तहसीलदार और BLO के ट्रांसफर पर रोक लगा दी गई है। विशेष परिस्थितियों में स्थानांतरण के लिए चुनाव आयोग की मंजूरी आवश्यक होगी।
विधानसभा उपचुनाव की तैयारी को देखते हुए अंता विधानसभा क्षेत्र में SIR नहीं होगा। वर्तमान में राजस्थान में 5 करोड़ 48 लाख 84 हजार 827 मतदाता, 52,469 BLOs, 65,014 बूथ और 1,19,940 पोलिंग पार्टी एजेंट तैनात हैं।
चुनाव आयोग देश में अब तक 8 बार SIR करा चुका है। पिछली बार 2003-04 में यह प्रक्रिया हुई थी। लगभग 22 साल बाद यह पहली बड़ी वोटर लिस्ट ऑडिट है।
इसका मुख्य उद्देश्य है —डुप्लीकेट नाम हटाना,एक से अधिक जगह दर्ज मतदाताओं की पहचान, मृत या अन्यत्र बस चुके लोगों के नाम हटाना,अवैध विदेशी प्रवासियों को सूची से बाहर करना
राजस्थान में SIR के लिए 12 प्रकार के दस्तावेज ही मान्य होंगे।
पहले चरण में दस्तावेज नहीं मांगे जाएंगे, केवल फॉर्म भरवाया जाएगा, उसके बाद मिलान के आधार पर दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन के अनुसार —
40 वर्ष से अधिक उम्र के 2.61 करोड़ मतदाताओं में से 77% की मैपिंग पूरी
40 वर्ष से कम आयु वाले 2.88 करोड़ मतदाताओं का मिलान जारी
पुरानी वोटर लिस्ट और पारिवारिक वंशावली प्रमाणों के माध्यम से सत्यापन किया जा रहा है।
सभी वोटर लिस्टें पोर्टल पर उपलब्ध हैं:
🔗https://voters.eci.gov.in/