ब्रसेल्स। बेल्जियम के एंटवर्प शहर की एक अदालत ने शुक्रवार को भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। भारतीय जांच एजेंसियों की बड़ी सफलता माने जा रहे इस फैसले में अदालत ने माना कि बेल्जियम पुलिस द्वारा की गई चोकसी की गिरफ्तारी पूरी तरह वैध और कानूनी प्रक्रिया के अनुरूप थी। हालांकि, अदालत के फैसले के बाद भी चोकसी को ऊपरी अदालत (अपील कोर्ट) में चुनौती देने का अधिकार रहेगा। यदि वह अपील नहीं करता या अपील खारिज हो जाती है, तो उसे भारत डिपोर्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। बेल्जियम पुलिस ने भारतीय एजेंसियों की प्रत्यर्पण अपील पर कार्रवाई करते हुए 12 अप्रैल 2025 को चोकसी को गिरफ्तार किया था। उस पर पंजाब नेशनल बैंक (PNB) से 13,850 करोड़ रुपए के लोन धोखाधड़ी का आरोप है। गिरफ्तारी के समय चोकसी बेल्जियम से स्विट्जरलैंड भागने की कोशिश कर रहा था। पुलिस ने चोकसी को गिरफ्तार करते समय मुंबई की एक अदालत द्वारा जारी दो गिरफ्तारी वारंटों (23 मई 2018 और 15 जून 2021) का हवाला दिया। फिलहाल चोकसी बेल्जियम की जेल में बंद है। अधिकारियों ने बताया कि मेहुल चोकसी अपनी पत्नी प्रीति चोकसी के साथ बेल्जियम में रह रहा था, जिन्हें वहां की नागरिकता प्राप्त है। बेल्जियम के विदेश मंत्रालय ने ही भारतीय एजेंसियों को चोकसी की मौजूदगी की जानकारी दी थी। यह मामला भारत के सबसे बड़े बैंकिंग घोटालों में से एक माना जाता है, जिसमें चोकसी के साथ उसका भांजा नीरव मोदी भी मुख्य आरोपी है। भारत सरकार लंबे समय से दोनों के प्रत्यर्पण के प्रयास कर रही है।