Friday, 17 October 2025

राजस्थान में फिर बदलेगा मेयर-चेयरमैन चुनाव फॉर्मूला: सरकार कर रही मंथन — दिवाली बाद फैसला संभव


राजस्थान में फिर बदलेगा मेयर-चेयरमैन चुनाव फॉर्मूला: सरकार कर रही मंथन — दिवाली बाद फैसला संभव

जयपुर। राजस्थान में स्थानीय निकायों के चुनावी ढांचे में 16 साल बाद एक बार फिर बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। शहरी विकास एवं आवासन (यूडीएच) विभाग ने मेयर और चेयरमैन के सीधे चुनाव कराने पर मंथन शुरू कर दिया है। इस फॉर्मूले पर अंतिम निर्णय दिवाली के बाद लिया जाएगा।

यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि विभाग फिलहाल मंत्रियों, विधायकों और सांसदों से राय ले रहा है।सरकार का तर्क है कि यदि जनता सीधे मेयर और सभापति चुनेगी, तो भ्रष्टाचार और आंतरिक टकराव में कमी आएगी।

2009 के बाद फिर बदलाव की तैयारी: राज्य में इससे पहले साल 2009 में जनता ने सीधे मेयर और निकाय प्रमुखों का चुनाव किया था।हालांकि बाद में व्यवस्था बदली और अब पार्षदों द्वारा मेयर व सभापति चुने जाते हैं। वर्तमान में चल रही व्यवस्था को लेकर कई विवाद और टकराव सामने आए हैं —कई विधायकों ने सरकार को पत्र लिखकर कहा है कि मेयर और पार्षदों के बीच लगातार मतभेद बढ़ रहे हैं।

विधायकों की राय — जनता चुने तो जवाबदेही बढ़ेगी: विधायकों का कहना है कि जब मेयर जनता द्वारा सीधे चुने जाएंगे, तो उनकी जवाबदेही जनता के प्रति होगी, न कि पार्षदों के प्रति। इससे राजनीतिक दबाव, गुटबाजी और प्रशासनिक टकराव में कमी आएगी। फिलहाल सरकार इस प्रस्ताव पर सभी राजनीतिक और प्रशासनिक पक्षों से राय ले रही है।

पहले तय होगा चुनाव फॉर्मूला, फिर आरक्षण प्रक्रिया: यूडीएच विभाग पहले मेयर और सभापति के चुनाव का नया फॉर्मूला तय करेगा।इसके बाद निकाय आरक्षण की लॉटरी निकालने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने बताया कि निकाय वार्डों का परिसीमन पूरा हो चुका है, गजट नोटिफिकेशन जल्द जारी होगा। ओबीसी आयोग के आंकड़े आने के बाद आरक्षण प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

‘एक राज्य, एक चुनाव’ की दिशा में कदम: राज्य सरकार की मंशा है कि स्थानीय निकाय, पंचायत और शहरी चुनावों को “एक राज्य, एक चुनाव नीति” के तहत एक समान समय-सीमा में आयोजित किया जाए। इस दिशा में आवश्यक प्रशासनिक तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।


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