जयपुर। राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी ) से जुड़े एसआई भर्ती-2021 (सब इंस्पेक्टर) मामले में अब आयोग के पूर्व चेयरमैन संजय श्रोत्रिय ने भी राजस्थान हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इससे पहले आयोग की पूर्व सदस्य मंजू शर्मा ने भी इसी मामले में अपील दायर की थी।
हाईकोर्ट की एकलपीठ ने 28 अगस्त को दिए आदेश में एसआई भर्ती-2021 को रद्द करने की सिफारिश की थी और आरपीएससी सदस्यों पर गंभीर टिप्पणियां की थीं। इसी आदेश के खिलाफ अब संजय श्रोत्रिय ने अपील दायर कर अपने खिलाफ की गई टिप्पणियों को रिकॉर्ड से हटाने की मांग की है।
संजय श्रोत्रिय की ओर से अधिवक्ता युवराज सामंत ने हाईकोर्ट में अपील दायर की है। अपील में कहा गया है कि एकलपीठ ने एसआईटीकी रिपोर्ट को दरकिनार कर दिया, जबकि एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से बताया था कि कौन-कौन पेपरलीक में शामिल था और कौन नहीं,और आयोग के कई सदस्य इसमें प्रत्यक्ष रूप से शामिल नहीं पाए गए थे।
श्रोत्रिय ने यह भी कहा कि एकलपीठ ने जिस बाबूलाल कटारा के पुलिस बयान के आधार पर पूरे आरपीएससी सदस्यों के खिलाफ टिप्पणियां की हैं, वह सिर्फ पुलिस में दिया गया बयान है, जिसे ट्रायल कोर्ट में साक्ष्य के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता।
अपील में यह भी कहा गया है कि एकलपीठ ने बिना किसी क्रिमिनल ट्रायल या न्यायिक प्रक्रिया के, आयोग के सदस्यों के खिलाफ प्रतिकूल टिप्पणियां कर दीं, जो पूरी तरह से कानूनी दृष्टि से अनुचित है।
श्रोत्रिय ने मांग की है कि अदालत इन टिप्पणियों को रिकॉर्ड से हटाए, क्योंकि ये टिप्पणियां प्रतिष्ठा और भविष्य की सेवा संभावनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती हैं।
आरपीएससी की ओर से वर्ष 2021 में आयोजित सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा पेपरलीक मामले में बड़ी कार्रवाई हुई थी। इसके बाद राज्य सरकार ने एसआईटी का गठन किया था। एसआईटी ने विस्तृत जांच रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें कुछ व्यक्तियों को दोषी और कुछ को निर्दोष बताया गया था।
हाईकोर्ट की एकलपीठ ने 28 अगस्त 2025 को अपने आदेश में कहा था कि पूरी प्रक्रिया में गड़बड़ी हुई और भर्ती को निरस्त करने की सिफारिश की थी। साथ ही आयोग के सदस्यों पर भी कड़ी टिप्पणियां की थीं, जिससे यह मामला और अधिक संवेदनशील बन गया। अब आरपीएससी के पूर्व चेयरमैन संजय श्रोत्रिय द्वारा दायर यह अपील इस पूरे विवाद को एक नई दिशा दे सकती है।