Wednesday, 15 October 2025

मोबाइल फ्रॉड और सिम दुरुपयोग पर DoT कीकार्रवाई :देशभर में 39.48 लाख मोबाइल ब्लॉक, 5.21 करोड़ कनेक्शन बंद


मोबाइल फ्रॉड और सिम दुरुपयोग पर DoT कीकार्रवाई :देशभर में 39.48 लाख मोबाइल ब्लॉक, 5.21 करोड़ कनेक्शन बंद

जयपुर। देशभर में मोबाइल फ्रॉड और सिम के गलत इस्तेमाल पर दूरसंचार विभाग (DoT) ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है। विभाग ने 39.48 लाख से अधिक मोबाइल हैंडसेट ब्लॉक, 5.21 करोड़ मोबाइल कनेक्शन बंद और 74,977 सिम विक्रेताओं को ब्लैकलिस्ट किया है। 

दूरसंचार विभाग के अपर महानिदेशक मुकेश कुमार चौहान ने जयपुर में बताया कि इस कार्रवाई का उद्देश्य साइबर अपराध, फर्जी सिम एक्टिवेशन और डिजिटल फ्रॉड पर अंकुश लगाना है।

राजस्थान में 1.28 लाख मोबाइल ब्लॉक, 21 लाख कनेक्शन बंद

राजस्थान में DoT ने अब तक 1.28 लाख मोबाइल हैंडसेट ब्लॉक किए, 21 लाख मोबाइल कनेक्शन बंद किए हैं और 769 सिम विक्रेताओं को ब्लैकलिस्ट किया है।
चौहान ने कहा किमोबाइल नेटवर्क का जिम्मेदारी से उपयोग और नागरिकों को धोखाधड़ी से बचाना विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है।”उन्होंने बताया कि राज्य में मोबाइल कनेक्शन के सत्यापन और सिम वितरण प्रक्रिया को और अधिक कठोर और पारदर्शी बनाया जा रहा है।

देशभर में 57 करोड़ के मोबाइल बरामद — राजस्थान सबसे आगे

DoT के आंकड़ों के अनुसार, देशभर में 24.42 लाख से अधिक चोरी या खोए मोबाइल फोन का पता लगाया गया है। इनमें से 6.36 लाख मोबाइल हैंडसेट, जिनकी अनुमानित कीमत 900 करोड़ रुपए है, नागरिकों को वापस किए गए हैं।

राजस्थान में रिकवरी रेट 42.88% है, जो देश में सबसे अधिक है। राज्य में 87,575 मोबाइल की लोकेशन ट्रेस हुई और 37,549 मोबाइल, जिनकी कीमत लगभग 57 करोड़ रुपए है, नागरिकों को लौटाए गए हैं।

‘संचार साथी’ एप बना डिजिटल सुरक्षा का कवच

मुकेश चौहान ने बताया कि दूरसंचार मंत्रालय ने डिजिटल सुरक्षा के लिए ‘संचार साथी’ (Sanchar Saathi) एप लॉन्च किया है। यह एप नागरिकों को मोबाइल फ्रॉड, सिम दुरुपयोग और फर्जी कॉल से बचाने में मदद करता है।

इस एप में कई महत्वपूर्ण मॉड्यूल शामिल हैं —

CEIR: खोए या चोरी मोबाइल को तुरंत ब्लॉक और ट्रैक करने की सुविधा।

KYM (Know Your Mobile): मोबाइल की वैधता जांचने की सुविधा।

RICWIN: संदिग्ध कॉल और फ्रॉड रिपोर्ट करने की सुविधा।

चक्षु मॉड्यूल: अवांछित कॉल और संदेशों की शिकायत दर्ज करने का विकल्प।

एप के जरिए साइबर अपराध, वित्तीय धोखाधड़ी और टावर रेडिएशन से संबंधित जागरूकता भी फैलाई जा रही है।

डिजिटल सुरक्षा को नई मजबूती

चौहान ने कहा कि संचार साथी एप डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा। इससे नागरिकों को सुरक्षित और पारदर्शी दूरसंचार सेवाएं सुनिश्चित होंगी।

Previous
Next

Related Posts