


झुंझुनूं जिले में कांग्रेस के संगठन सृजन अभियान के तहत हो रही बैठकों में आंतरिक कलह थमने का नाम नहीं ले रही। खेतड़ी के बाद अब नवलगढ़ विधानसभा क्षेत्र में भी आपसी टकराव खुलकर सामने आ गया। मंगलवार को मुकुंदगढ़ के महर्षि अंगिरा सेवा सदन में आयोजित बैठक में पूर्व विधायक राजकुमार शर्मा ने कांग्रेस जिलाध्यक्ष दिनेश सुंडा को निशाने पर लिया।
बैठक में पर्यवेक्षक कैप्टन प्रवीण डावर ने राजकुमार शर्मा को मंच पर बुलाना चाहा, लेकिन उन्होंने साफ इनकार करते हुए कहा— “हम आपका सम्मान करते हैं, आपको सुनने आए हैं, लेकिन मंच पर बैठे गद्दार के साथ मैं मंच साझा नहीं कर सकता।” उनका सीधा इशारा जिलाध्यक्ष दिनेश सुंडा की तरफ माना गया।
शर्मा के इस बयान का महिला कांग्रेस की पूर्व जिला अध्यक्ष तारा पूनियां ने विरोध किया, जिस पर शर्मा के समर्थकों ने नारेबाजी शुरू कर दी। हालात बिगड़ते देख जिलाध्यक्ष दिनेश सुंडा और तारा पूनियां बैठक से बाहर चले गए। इसके बाद हंगामे के बीच ही बैठक का संचालन आगे बढ़ाया गया।
कुछ देर बाद पुनः शुरू हुई बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में पर्यवेक्षक प्रवीण डावर मौजूद रहे, जबकि अध्यक्षता पूर्व मंत्री राजकुमार शर्मा ने की। बैठक में वक्ताओं ने कार्यकर्ताओं से कांग्रेस की रीति-नीति के अनुरूप चलने और संगठन को मजबूत बनाने का आह्वान किया।
इस मौके पर पूर्व चेयरमैन सत्यनारायण सैनी, वाइस चेयरमैन शहजाद चोपदार, हरफूल सिंह दूलर, कांग्रेस मंडल अध्यक्ष व पार्षद राजकुमार चेजारा, पार्षद प्रमोद पचलंगिया, पार्षद रमेश दर्जी, एनएसयूआई जिला अध्यक्ष राहुल जाखड़, यूथ कांग्रेस अध्यक्ष सुनील झाझड़िया समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
पूर्व विधायक राजकुमार शर्मा ने स्पष्ट कहा— “मैं शुरू से कहता आया हूं कि विरोधी और गद्दार में फर्क है। विरोधी के साथ बैठ सकता हूं, लेकिन गद्दार के साथ नहीं। इसने नवलगढ़ और झुंझुनूं के चुनावों में गद्दारी की है। यह सबकी नजर में है।”
वहीं कांग्रेस जिलाध्यक्ष दिनेश सुंडा ने प्रतिक्रिया दी— “कोई चुनाव हार जाता है तो वह किसी के लिए कुछ बोलता ही है। मेरा नाम लेकर कुछ कहा नहीं गया। आरोप तो लगते रहते हैं। किसी कारणवश मैं बैठक में शामिल नहीं हो सका।”