भीलवाड़ा जिले के मांडलगढ़ क्षेत्र से मंगलवार को दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। यहां 15 दिन के मासूम को जंगल में फेंक दिया गया। हैवानियत इतनी बढ़ गई कि रोने की आवाज बाहर न आए, इसके लिए उसके मुंह में पत्थर ठूंसकर फेवीक्विक से चिपका दिया गया। बच्चा जंगल में तड़प रहा था, तभी मवेशी चराने वाले की नजर उस पर पड़ी। पत्थर निकालते ही मासूम जोर-जोर से रोने लगा।
घटना मंगलवार दोपहर करीब 2 बजे की है। हेड कॉन्स्टेबल विजय सिंह ने बताया कि बिजौलिया में सीता का कुंड मंदिर के सामने जंगल में बच्चे को देखा गया। मवेशी चराने वाले युवक ने पत्थरों के ढेर के पास मासूम को तड़पते देखा। उसने तुरंत लोगों को बुलाया। ग्रामीणों की मदद से बच्चे को बिजौलिया के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि बच्चे को जंगल में कौन छोड़कर गया। आसपास के ग्रामीणों और इलाके के लोगों से पूछताछ की जा रही है। साथ ही, मांडलगढ़ और बिजौलिया के अस्पतालों में पिछले दिनों हुई डिलीवरी के रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं।
बिजौलिया अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. मुकेश धाकड़ ने बताया कि बच्चा करीब 15–20 दिन का है। उसके मुंह पर फेवीक्विक लगा हुआ था और दाईं जांघ पर जलाने के निशान मिले हैं। डॉक्टर ने बताया कि बच्चे को दूध पिलाया गया और उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे भीलवाड़ा के हायर सेंटर रेफर किया गया है।