Sunday, 21 December 2025

गीतांजली हॉस्पिटल में कौडा इक्वाइना सिंड्रोम और लम्बर डिस्क हर्नियेशन से पीड़ित 11 वर्षीय बच्चे की एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी मिली राहत, 8MM चीरे से ऑपरेशन


गीतांजली हॉस्पिटल में कौडा इक्वाइना सिंड्रोम और लम्बर डिस्क हर्नियेशन से पीड़ित 11 वर्षीय बच्चे की एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी मिली राहत, 8MM चीरे से ऑपरेशन

जयपुर। जयपुर के गीतांजली हॉस्पिटल में डॉक्टरों ने चिकित्सा जगत में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। यहां 11 साल के बच्चे की एंडोस्कोपिक तकनीक से सफलतापूर्वक स्पाइन सर्जरी की गई। बच्चा कौडा इक्वाइना सिंड्रोम (CES) और लम्बर डिस्क हर्नियेशन से पीड़ित था। डॉक्टरों का दावा है कि इतने छोटे बच्चे का इस तरह की सर्जरी से इलाज करना देश में अपनी तरह का पहला मामला है।

अलवर निवासी इस बच्चे को अचानक पीठ में तेज दर्द होना शुरू हो गया था। परिवार ने शुरुआत में मालिश और घरेलू उपाय करवाए, लेकिन तकलीफ और बढ़ गई। धीरे-धीरे उसे चलने-फिरने और पेशाब करने में कठिनाई होने लगी। अलवर के डॉक्टरों द्वारा कराई गई जांचों (एमआरआई, सोनोग्राफी आदि) में पता चला कि बच्चा CES और लम्बर डिस्क हर्नियेशन से ग्रसित है।

8MM का चीरा लगाकर एंडोस्कोपिक सर्जरी

गीतांजली हॉस्पिटल के प्रिंसिपलअशोक गुप्ता ने बताया कि न्यूरोसर्जरी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. धीरज विश्वकर्मा और उनकी टीम ने यह महत्वपूर्ण सर्जरी की इसके लिए पीठ का बड़ा हिस्सा खोलना पड़ता है, जिससे भविष्य में जटिलताएं हो सकती हैं। लेकिन बच्चे की उम्र को देखते हुए टीम ने मोनोपोर्टल एंडोस्कोपिक डिस्केक्टॉमी तकनीक अपनाई।
इसमें केवल 8MM का छोटा चीरा लगाकर तार और कैमरे की मदद से सर्जरी की गई। इस तकनीक से बच्चे की रीढ़ की हड्डी और अन्य टिश्यू को किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ।

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