जयपुर। राजस्थान विधानसभा का मानसून सत्र बुधवार शाम 4:58 बजे समाप्त हो गया। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की। यह सत्र 1 सितंबर से शुरू हुआ था और कुल 6 बैठकों में 18 घंटे 40 मिनट की कार्यवाही संपन्न हुई।
विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने बताया कि सोलहवीं विधानसभा के पहले तीन सत्रों की तरह इस बार भी सदन की कार्यक्षमता सराहनीय रही। प्रश्नकाल, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव, स्थगन प्रस्ताव, विशेष उल्लेख, पर्ची प्रणाली और विधायी कार्यों के माध्यम से विधायकों को जनहित के मुद्दे उठाने का पर्याप्त अवसर मिला।
प्रश्नकाल और प्रस्ताव:चौथे सत्र में 3008 प्रश्न प्राप्त हुए, जिनमें से 1237 तारांकित और 1770 अतारांकित थे। 53 प्रश्नों पर सदन में मौखिक चर्चा हुई।नियम-50 के तहत 134 स्थगन प्रस्ताव आए, जिनमें से 21 पर चर्चा हुई।नियम-295 के तहत 95 विशेष उल्लेख प्रस्ताव आए, जिनमें से 78 को सदन में पढ़ा गया।
ध्यानाकर्षण प्रस्ताव: इस सत्र में नियम-131 के तहत 437 ध्यानाकर्षण प्रस्तावों की सूचनाएं मिलीं। कुल मिलाकर अब तक 78% ध्यानाकर्षण प्रस्तावों के जवाब प्राप्त हुए हैं, जो विधानसभा के लिए नया रिकॉर्ड है।
पर्ची प्रणाली:सत्र में विधायकों से 267 पर्चियां प्राप्त हुईं।लॉटरी के जरिए चुनी गई 20 पर्चियों पर संबंधित विधायकों को अपने विचार रखने का अवसर मिला।
विधायी कार्य: इस सत्र में 7 विधेयक प्रस्तुत हुए और कुल 10 विधेयक पारित किए गए। 161 संशोधन प्रस्तावों में से 115 को स्वीकार किया गया।एक विधेयक को वापस लिया गया।
विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने कहा कि यह सत्र कई नए आयाम जोड़ने में सफल रहा। उच्च जवाब दर, विधायी कार्यों की निरंतरता और जनहित के मुद्दों पर सक्रिय चर्चा ने सत्र को सार्थक बनाया। सत्र का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।