जयपुर। राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को विपक्ष की अनुपस्थिति में धर्मांतरण विरोधी विधेयक पारित कर दिया गया। इस बिल को लेकर सदन में बहस और हंगामे के बाद कांग्रेस विधायक वेल में नारेबाजी करते हुए वॉकआउट कर गए। इसके बाद सत्ताधारी पार्टी के विधायकों ने बहुमत से बिल को पारित कर दिया। विधेयक पास होते ही सदन की कार्यवाही 10 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई।
प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने बिल का विरोध करते हुए इसे जनता की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने वाला बताया। कांग्रेस विधायकों ने आरोप लगाया कि सरकार इस बिल को बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक समाज के बीच तनाव पैदा करने के लिए ला रही है। विरोध स्वरूप कांग्रेस विधायक वेल में पहुंचे और नारेबाजी की। कुछ देर तक हंगामे के बाद विपक्षी विधायक वॉकआउट कर गए।
विपक्ष के बाहर जाने के बाद गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने बिल का बचाव किया। उन्होंने कहा कि यह विधेयक राज्य हित में है और इससे जबरन या प्रलोभन देकर कराए जा रहे धर्म परिवर्तन पर रोक लगेगी। मंत्री ने स्पष्ट किया कि बिल में कठोर प्रावधान जोड़े गए हैं। इसके तहत धर्म परिवर्तन कराने वाली संस्थाओं की संपत्ति जब्त की जाएगी और संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होगी।
सत्तापक्ष ने कहा कि इस बिल से प्रदेश में "लव जिहाद" और जबरन धर्म परिवर्तन की प्रवृत्ति पर अंकुश लगेगा। विधायकों का कहना था कि यह कानून समाज में सद्भाव और पारदर्शिता कायम करने में मदद करेगा।