Sunday, 07 September 2025

अब अजमेर में भी लेपर्ड सफारी: गंगा-भैरव घाटी बनेगी इको-टूरिज्म का नया केंद्र, सैलानी देख सकेंगे पृथ्वीराज चौहान का अस्तबल और सैनिक छावनी


अब अजमेर में भी लेपर्ड सफारी: गंगा-भैरव घाटी बनेगी इको-टूरिज्म का नया केंद्र, सैलानी देख सकेंगे पृथ्वीराज चौहान का अस्तबल और सैनिक छावनी

अजमेर। अजमेर को पर्यटन के क्षेत्र में नई पहचान दिलाने के लिए गंगा-भैरव घाटी में लेपर्ड सफारी विकसित की जाएगी। रणथम्भौर, सरिस्का, रावली-टॉडगढ़ और जवांई बांध की तर्ज पर इस सफारी को तैयार किया जाएगा, जिससे यहां आने वाले देशी-विदेशी सैलानी तेंदुओं के प्राकृतिक आवास के साथ-साथ इतिहास और संस्कृति से जुड़े स्थलों का भी अवलोकन कर सकेंगे।

इस सफारी का प्रवेश द्वार काजीपुरा गांव की सीमा पर बनेगा। परियोजना की कुल लागत करीब 19 करोड़ रुपये है, जिसमें पहले चरण में 6 करोड़ रुपये खर्च होंगे। जल्द ही इसका शिलान्यास किया जाएगा।

विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि सैलानियों को यहां 24 किलोमीटर क्षेत्र में इको-टूरिज्म का अनुभव मिलेगा। घाटी में ट्रेकिंग की सुविधा होगी, साथ ही वे सम्राट पृथ्वीराज चौहान के अस्तबल, सैनिक छावनी स्थल और ऐतिहासिक स्मृतियों को भी देख पाएंगे। मार्ग में रेस्ट प्वाइंट्स, अल्पाहार केंद्र, टिकट खिड़की और सेल्फी प्वाइंट्स जैसी आधुनिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी।

वन विभाग के अनुसार, पुराने 7.5 किलोमीटर क्षतिग्रस्त ट्रैक का पुनर्निर्माण और 11.5 किलोमीटर नए ट्रैक का निर्माण किया जाएगा। मंदिरों के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को भी इन रास्तों से सुविधा होगी।

विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने शनिवार को गंगा-भैरव घाटी पहुंचकर प्रस्तावित सफारी रूट और व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। उनके साथ मुख्य वन संरक्षक ख्याति माथुर और अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। देवनानी ने अधिकारियों से विस्तृत चर्चा कर टिकट खिड़की, पर्यटक सुविधाओं और प्रस्तावित निर्माण कार्यों की जानकारी ली।

उन्होंने कहा कि अजमेर पहले से शिक्षा नगरी के रूप में प्रसिद्ध है, अब इस परियोजना से इसे पर्यावरणीय पर्यटन स्थल के रूप में भी पहचान मिलेगी। उन्होंने बताया कि अजमेर के लिए लगभग 40 परियोजनाएं प्रस्तावित हैं, जिनमें से अधिकांश को वित्तीय स्वीकृति मिल चुकी है।

विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि लेपर्ड सफारी परियोजना से ग्रामीणों के लिए रोजगार और आय के नए अवसर पैदा होंगे। इसके साथ ही अजमेर आने वाले पर्यटक पुष्कर और अन्य स्थलों के साथ यहां भी आकर्षित होंगे। उन्होंने जानकारी दी कि अजमेर में साइंस पार्क का निर्माण, वरुणसागर का सौंदर्यकरण और अजमेर एंट्रेंस प्लाजा जैसे कार्य करोड़ों रुपये की लागत से किए जाएंगे। इन प्रयासों से शहर का पर्यटन परिदृश्य पूरी तरह बदल जाएगा।

इस अवसर पर अध्यक्ष रमेश सोनी, उप वन संरक्षक जय सिंह, स्थानीय जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।

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