जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शनिवार को मानसरोवर स्थित शिप्रा पथ पर बने परशुराम ज्ञानपीठ (सेंटर फॉर एक्सीलेंस एंड रिसर्च) का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह केंद्र आने वाले समय में शिक्षा और संस्कार की गंगा बहाने के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और वैदिक ज्ञान के संरक्षण एवं संवर्धन का केंद्र बनेगा।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य है कि साल 2027 तक प्रदेश के किसानों को दिन में भी निर्बाध बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि उस समय तक राजस्थान के किसान केवल अन्नदाता नहीं, बल्कि बिजलीदाता के रूप में भी पहचाने जाएंगे।
मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार का विजन है कि आने वाले वर्षों में राजस्थान बिजली खरीदने वाला नहीं, बल्कि बिजली बेचने वाला राज्य बनेगा। इसके लिए सरकार ने ऊर्जा क्षेत्र में ठोस कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।
मुख्यमंत्री शर्मा ने सरकार के संकल्प पत्र और विजन का उल्लेख करते हुए कहा कि कार्यभार संभालने के बाद सबसे पहले पानी की समस्या पर ध्यान दिया गया। ईआरसीपी, यमुना जल समझौता, देवास परियोजना जैसी योजनाओं पर तेजी से काम करते हुए जल संरक्षण, वर्षा जल उपयोग और पानी की उपलब्धता बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
इसके बाद सरकार ने बिजली को दूसरी बड़ी प्राथमिकता बनाई। किसानों को सबसे ज्यादा परेशानी बिजली आपूर्ति को लेकर होती है। इसी कारण सरकार ने लक्ष्य रखा है कि 2027 तक किसानों को दिन में भी पर्याप्त बिजली मिले और वे बिजली उत्पादक भी बनें।
मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि सरकार बनने पर उन्होंने वादा किया था कि कार्यकाल के दौरान एक भी पेपर लीक नहीं होगा। उन्होंने कहा, “मैं पूरे विश्वास के साथ कहता हूं कि हमारे शासनकाल में युवाओं को पेपर लीक का दंश नहीं झेलना पड़ेगा। और जिन युवाओं ने पहले पेपर लीक की मार झेली है, उन्हें भी निराश नहीं होने देंगे।”
मुख्यमंत्री शर्मा ने इस अवसर पर विप्र फाउंडेशन द्वारा बनाए गए श्री परशुराम ज्ञानपीठ सेंटर फॉर एक्सीलेंस एंड रिसर्च की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह केंद्र उन गरीब और प्रतिभाशाली युवाओं के लिए नई उम्मीद बनेगा, जो आर्थिक या पारिवारिक परिस्थितियों के कारण आगे नहीं बढ़ पाते। यह केवल एक शोध केंद्र ही नहीं, बल्कि ज्ञान और संस्कृति का नया केंद्र भी बनेगा।
मुख्यमंत्री शर्मा ने लोगों से अपील की कि वे अपने आसपास के जरूरतमंद व्यक्तियों को सरकार की योजनाओं से जोड़ने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार की अनेक योजनाएं समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है, और इसमें नागरिकों की भागीदारी भी जरूरी है।