Thursday, 04 September 2025

राजस्थान में कोचिंग सेंटर्स पर नियंत्रण के लिए नया बिल तैयार: जुर्माना घटा, नियम सख्त, 3 सितंबर को विधानसभा में होगा पेश


राजस्थान में कोचिंग सेंटर्स पर नियंत्रण के लिए नया बिल तैयार: जुर्माना घटा, नियम सख्त, 3 सितंबर को विधानसभा में होगा पेश

जयपुर। राजस्थान विधानसभा के मानसून सत्र में 3 सितंबर को राजस्थान कोचिंग इंस्टीट्यूट कंट्रोल एंड रेगुलेशन बिल-2025 पारित करवाने की तैयारी है। इस बिल में छात्रों की सुरक्षा और आत्महत्याओं पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से कई सख्त प्रावधान किए गए हैं, वहीं जुर्माने की राशि को घटाकर व्यावहारिक बनाया है।

जुर्माने की राशि घटाई : प्रवर समिति की सिफारिशों के बाद पुराने जुर्माने को संशोधित किया गया है।

  • पहली बार नियम उल्लंघन पर अब 50 हजार रुपये का जुर्माना होगा (पहले 2 लाख)।

  • दूसरी बार नियम उल्लंघन पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा (पहले 5 लाख)।

  • बार-बार उल्लंघन की स्थिति में कोचिंग सेंटर का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा और जरूरत पड़ने पर प्रॉपर्टी जब्त कर वसूली की जाएगी।

किस पर लागू होगा कानून:

  • यह कानून केवल उन कोचिंग सेंटरों पर लागू होगा जिनमें 100 या उससे अधिक विद्यार्थी पढ़ते हैं।

  • 100 से कम छात्रों वाले कोचिंग सेंटर को रजिस्ट्रेशन और प्रावधानों से छूट दी गई है।

  • प्रत्येक ब्रांच को अलग कोचिंग सेंटर माना जाएगा और उसका अलग रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।

छात्रों के हित में बड़े प्रावधान:

  • कोचिंग संस्थान अब पूरी फीस एकमुश्त नहीं ले सकेंगे, छात्रों को 4 किस्तों में फीस भरने की सुविधा होगी।

  • यदि छात्र बीच में कोचिंग छोड़ता है, तो संस्थान को 10 दिन के भीतर शेष फीस लौटानी होगी।

  • हॉस्टल फीस का भी शेष हिस्सा लौटाना अनिवार्य होगा।

  • कोचिंग संस्थानों को नोट्स और स्टडी मटेरियल निशुल्क देना होगा।

निगरानी और नियंत्रण के लिए प्राधिकरण:

  • राजस्थान कोचिंग सेंटर प्राधिकरण बनाया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता उच्च शिक्षा विभाग के प्रभारी सचिव करेंगे।

  • इसमें शिक्षा, तकनीकी, मेडिकल विभाग के अधिकारी, पुलिस IG, मनोवैज्ञानिक, वित्त विभाग के प्रतिनिधि, कोचिंग संस्थान और अभिभावक प्रतिनिधि शामिल होंगे।

  • जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति बनेगी, जिसे सिविल कोर्ट जैसी शक्तियां प्राप्त होंगी।

छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर फोकस:

  • हर कोचिंग संस्थान में काउंसलिंग और मनोवैज्ञानिक सहायता उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा।

  • नियमित करियर काउंसलिंग, योग, मेडिटेशन और वर्कशॉप्स आयोजित करनी होंगी।

  • जिला स्तर पर छात्रों की शिकायतों के समाधान के लिए 24x7 कॉल सेंटर बनाए जाएंगे।

अन्य महत्वपूर्ण प्रावधान

  • सरकारी स्कूल-कॉलेज के शिक्षक किसी भी निजी कोचिंग में पढ़ा नहीं सकेंगे।

  • कोचिंग सेंटरों को फायर सेफ्टी और बिल्डिंग कोड का पालन करना होगा।

  • प्रत्येक छात्र के लिए कम से कम 1 वर्ग मीटर जगह सुनिश्चित करनी होगी।

  • भ्रामक विज्ञापनों पर पूरी तरह रोक रहेगी।



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