जयपुर। राजस्थान की 16 वीं विधानसभा के आगामी मानसून सत्र (1 सितंबर से) के लिए नई ‘सदन संहिता’ लागू कर दी गई है। इस बार नियमों में कई कड़े प्रावधान जोड़े गए हैं, जिसके चलते अब 173 विधायकों पर नए प्रतिबंध लगेंगे।
अब बिना ऑनलाइन अनुमति मुद्दा नहीं उठा सकेंगे विधायक: नई संहिता के तहत कोई भी विधायक कितना ही गंभीर मुद्दा क्यों न हो, उसे ऑनलाइन अनुमति के बिना सदन में नहीं उठा सकेगा।
सप्ताह में अधिकतम 9 बार ही विधायक सदन में मुद्दा उठा पाएंगे। इसके लिए नेवा (NeVA) एप या विधानसभा की वेबसाइट पर पहले से PDF फाइल अपलोड करनी होगी। विधानसभा अध्यक्ष की मंजूरी के बाद ही विधायक का नाम पुकारा जाएगा और वह अपना मुद्दा रख पाएंगे।
प्रस्ताव लाने के नियम और समय सीमा: स्थगन प्रस्ताव (नियम 50): एक सप्ताह में केवल 1 बार।विशेष उल्लेख (नियम 295): सप्ताह में केवल 1 बार, और यह बैठक से 3 दिन पहले ऑनलाइन अपलोड करना होगा। 250 शब्दों की सीमा तय है।पर्ची के जरिए मुद्दा: सप्ताह में अधिकतम 2 बार।ध्यानाकर्षण प्रस्ताव (नियम 131): सप्ताह में अधिकतम 5 बार, लेकिन दिन में 2 से अधिक नहीं।
अस्वीकार हुआ तो स्वतः रद्द:नई व्यवस्था के मुताबिक यदि कोई प्रस्ताव ऑनलाइन स्वीकार नहीं किया जाता, तो वह स्वतः रद्द माना जाएगा।
तकनीकी सहायता की सुविधा: जिन विधायकों को तकनीकी दिक्कत आएगी, वे विधानसभा भवन के कक्ष संख्या 733 में सहायता प्राप्त कर सकेंगे।
विधानसभा अध्यक्ष की मंजूरी: विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने इन नए प्रावधानों को मंजूरी दी है। अब से सीएम और मंत्रियों के अलावा शेष 173 विधायक केवल ऑनलाइन आवेदन और मंजूरी के बाद ही अपने मुद्दे सदन में रख सकेंगे।