अजमेर के प्रेम प्रकाश आश्रम, वैशाली नगर में शनिवार को एक विशेष धर्म चर्चा का आयोजन किया गया। इस चर्चा का नेतृत्व महानिर्वाणी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विशोकानंद भारती जी महाराज ने किया। कार्यक्रम का केंद्रबिंदु धर्मांतरण की समस्या, सनातन धर्म की रक्षा और समाज पर बढ़ते हमले रहे।
चर्चा में विशेष रूप से विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय संरक्षक दिनेश जी शर्मा (बड़े दिनेश जी), सनातन धर्म रक्षा संघ अजयमेरु के अध्यक्ष एवं पूर्व न्यायाधीश अजय शर्मा, पूर्व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. कुलदीप शर्मा, रावत चंद्र सिंह चौहान और विश्व हिंदू परिषद के प्रांत संगठन मंत्री सत्यनारायण गौतम शामिल हुए।
स्वामी विशोकानंद भारती जी ने अपने वक्तव्य में कहा कि धर्मांतरण समाज को भीतर से खोखला करता है और इसे रोकने के लिए समाज का संगठित और जागरूक होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म ही भारतीय संस्कृति की आत्मा है, जिसकी रक्षा हर व्यक्ति का कर्तव्य है।
दिनेश जी शर्मा ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद सदैव धर्म और राष्ट्र निर्माण की दिशा में समर्पित है और धर्मांतरण के खिलाफ हर स्तर पर प्रयासरत है। वहीं, पूर्व न्यायाधीश अजय शर्मा ने कहा कि कठोर कानूनों के साथ-साथ समाज में जनजागरण अभियान चलाना बेहद जरूरी है।
कार्यक्रम में डॉ. कुलदीप शर्मा और रावत चंद्र सिंह चौहान ने भी अपने विचार रखे और कहा कि सनातन धर्म व भारतीय संस्कृति की रक्षा समय की मांग है। चर्चा के दौरान अजमेर के तारागढ़ दुर्ग पर हुए अतिक्रमण का मुद्दा भी सामने आया और इस पर ठोस कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया गया।
बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि आने वाले समय में जनजागरण अभियान, संगोष्ठी और संवाद कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे ताकि समाज को धर्मांतरण और सनातन धर्म पर हो रहे हमलों के प्रति जागरूक किया जा सके।