Sunday, 10 August 2025

कांग्रेस सरकार के समय आरसीए कार्यकारिणी ने किया सिर्फ भ्रष्टाचार – दीनदयाल कुमावत, 200 करोड़ खर्च के बाद भी चौंप स्टेडियम अधूरा


कांग्रेस सरकार के समय आरसीए कार्यकारिणी ने किया सिर्फ भ्रष्टाचार – दीनदयाल कुमावत, 200 करोड़ खर्च के बाद भी चौंप स्टेडियम अधूरा

राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) एडहॉक कमेटी के कन्वीनर दीनदयाल कुमावत ने कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुई आरसीए कार्यकारिणी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि उस समय कार्यकारिणी ने खिलाड़ियों के विकास के बजाय भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया। सबसे बड़ा उदाहरण चौंप स्टेडियम है, जहां 200 करोड़ रुपये से अधिक खर्च होने के बावजूद कार्य अधूरा है।

कुमावत ने बताया कि चौंप स्टेडियम निर्माण में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) और आरसीए के 200 करोड़ से ज्यादा खर्च हो चुके हैं, जिनमें से आरसीए ने स्टेडियम निर्माण के लिए लोन भी लिया था। इस लोन का ब्याज तीन लाख रुपये प्रतिमाह चुकाना पड़ रहा है, और भविष्य में BCCI को भी राशि लौटानी होगी। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि स्टेडियम समय पर पूरा नहीं हुआ, तो आरसीए के पास कुछ भी नहीं बचेगा।

उन्होंने स्टेडियम की वर्तमान स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि पिछले दो साल से यह निर्माण अधूरा पड़ा है, जिससे अब तक किया गया काम भी खराब हो रहा है। लोहे के स्ट्रक्चर में जंग लगने लगी है और निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं। उन्होंने मांग की कि स्टेडियम निर्माण में हुए खर्च और कार्यों की निष्पक्ष जांच कराई जाए, ताकि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जा सके। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो पुलिस में FIR भी दर्ज कराई जाएगी।

कुमावत ने यह भी कहा कि राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन का अपना एक आधुनिक स्टेडियम होना चाहिए, जो प्रदेश के हर क्रिकेटर का सपना है। इसके लिए उनकी कमेटी अगले 15 दिनों में फैसला करेगी कि अब तक हुए निर्माण को किस तरह आगे बढ़ाया जाए और कौन सा ठेकेदार कम कीमत में सर्वोत्तम कार्य कर सकता है।

पूर्व कार्यकारिणी पर आरोप लगाते हुए कुमावत ने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय आरसीए की कार्यकारिणी ने खिलाड़ियों और क्रिकेट के विकास के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए। इसके विपरीत, वर्तमान कमेटी ने जयपुर सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों में क्रिकेट ग्राउंड बनाने के लिए MOU किए हैं। उन्होंने कहा कि अब खिलाड़ियों को ट्रायल के दौरान मात्र 2-3 गेंदों पर आंका नहीं जाएगा, बल्कि तीन ओवर से अधिक खिलाकर उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने का पूरा अवसर दिया जाएगा, जिससे खिलाड़ी और उनके अभिभावक दोनों संतुष्ट हैं।

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