जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश में लापता नाबालिग बच्चियों को बरामद करने में पुलिस की सुस्त कार्यवाही पर कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने अलग-अलग आदेश जारी करते हुए चार जिलों के एसपी को निर्देश दिए हैं कि वे रोजाना एक घंटे संबंधित थाने में बैठकर मामलों की निगरानी करें।
जस्टिस इंद्रजीत सिंह और जस्टिस भुवन गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश लापता नाबालिग लड़कियों के परिजनों द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिकाओं की सुनवाई के दौरान दिए। अदालत ने कहा कि अब तक पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही संतोषजनक नहीं है। इन मामलों में डीजीपी से लेकर पुलिस कमिश्नर तक कोर्ट में पेश हो चुके हैं, फिर भी नाबालिग बच्चियों को अभी तक खोजा नहीं जा सका है।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जिन थाना क्षेत्रों से बच्चियां गायब हुई हैं, वहां के एसपी स्वयं निगरानी करेंगे। इसके तहत—
डीसीपी नॉर्थ को रामगंज थाने में
डीसीपी वेस्ट को मुरलीपुरा थाने में
कोटपूतली-बहरोड़ एसपी को हरसोरा थाने में
डीग एसपी को डीग थाने में
रोजाना एक घंटे बैठकर मामले की मॉनिटरिंग करनी होगी। कोर्ट ने कहा कि यह कदम इस उद्देश्य से उठाया गया है कि जांच में तेजी आए और बच्चियों को शीघ्र बरामद किया जा सके।