Saturday, 02 August 2025

मालेगांव ब्लास्ट केस में सभी आरोपी बरी, पूर्व ATS अफसर का दावा—RSS प्रमुख को फंसाने का दबाव था


मालेगांव ब्लास्ट केस में सभी आरोपी बरी, पूर्व ATS अफसर का दावा—RSS प्रमुख को फंसाने का दबाव था

मालेगांव ब्लास्ट केस में नया मोड़ सामने आया है। NIA की विशेष अदालत ने 31 जुलाई को मामले के सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया है। इस निर्णय के बाद महाराष्ट्र ATS के पूर्व इंस्पेक्टर महबूब मुजावर का बड़ा बयान सामने आया है, जिसने जांच एजेंसी की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

मुजावर ने दावा किया है कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने का आदेश दिया गया था। उन्होंने कहा कि भगवा आतंकवाद की एक झूठी कहानी रची जा रही थी और इस नैरेटिव को स्थापित करने के लिए मोहन भागवत को फंसाने का दबाव डाला गया था। उन्होंने कहा कि उनके पास इस बात के दस्तावेजी सबूत भी मौजूद हैं।

मुजावर ने कहा, “कोई भगवा आतंकवाद नहीं था। यह एक फर्जी कहानी थी। मैं किसी को झूठे केस में फंसाने के पक्ष में नहीं था, इसलिए किसी के पीछे नहीं गया। मोहन भागवत जैसे सम्मानित व्यक्ति को पकड़ना मेरी क्षमता से बाहर था।” अदालत द्वारा सभी आरोपियों को बरी किए जाने के बाद उन्होंने कहा कि इससे यह स्पष्ट हो गया कि ATS ने झूठे तरीके से मामला तैयार किया था।

इस पूरे मामले पर भाजपा नेता और सांसद संबित पात्रा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह पूरी साजिश गांधी परिवार के इशारे पर रची गई थी। उन्होंने कहा कि "भगवा आतंकवाद" का नरेटिव गढ़ा गया और संघ जैसे राष्ट्रवादी संगठन को बदनाम करने की कोशिश की गई। पात्रा ने कहा कि आज सच्चाई सामने आ गई है और यह भारतीय लोकतंत्र की जीत है।

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