जयपुर शहर भाजपा के जिला अध्यक्ष अमित गोयल ने शुक्रवार सुबह अपनी नवगठित कार्यकारिणी की घोषणा सोशल मीडिया पर कर दी, लेकिन यह कदम विवादों का कारण बन गया। पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के विरोध के चलते कुछ ही मिनटों में पोस्ट डिलीट कर दी गई। इसके बाद एक नई पोस्ट के माध्यम से सफाई दी गई कि यह सूची कंप्यूटर ऑपरेटर द्वारा गलती से पोस्ट की गई थी और अंतिम कार्यकारिणी जल्द विधिवत रूप से घोषित की जाएगी।
घोषित कार्यकारिणी की सूची में 34 नेताओं के नाम थे, जिन्हें उपाध्यक्ष, महामंत्री, मंत्री, कार्यालय मंत्री, प्रवक्ता, आईटी संयोजक, सोशल मीडिया संयोजक, प्रकोष्ठ संयोजक जैसे पद सौंपे गए थे। इन नामों में से 22 के आगे यह उल्लेख था कि उन्हें मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री या वरिष्ठ नेताओं की सिफारिश पर नियुक्त किया गया है, जबकि केवल 8 लोगों को कार्य आधारित चयन के रूप में दर्शाया गया। 4 लोगों के आगे किसी प्रकार की टिप्पणी नहीं की गई थी।
सूची लीक होने के बाद सोशल मीडिया पर भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली। भाजपा नेत्री अनुराधा माहेश्वरी ने लिस्ट में अपना नाम नहीं होने पर खुले तौर पर नाराजगी जताई, और उनके समर्थकों ने भी सोशल मीडिया पर विरोध दर्ज कराया। इसके अलावा, विधायक कालीचरण सराफ, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी और अरुण चतुर्वेदी के समर्थकों की उपेक्षा को लेकर भी असंतोष की खबरें सामने आईं।
विवाद के बाद कार्यकारिणी की पोस्ट हटा ली गई और सफाई दी गई कि यह केवल प्रस्तावित सूची थी, जिसे गलती से अपलोड कर दिया गया था। इस पूरे घटनाक्रम से भाजपा के आंतरिक असंतोष और समूहबाजी का संकेत मिलता है, जिससे पार्टी को आगामी चुनावी रणनीति में सतर्क रहना पड़ सकता है।