Saturday, 02 August 2025

युवा संसद में बोले विधानसभा अध्यक्ष देवनानी: “रामचरित मानस पढ़ें युवा, सिर्फ आलोचक नहीं, बदलाव के वाहक बनें”


युवा संसद में बोले विधानसभा अध्यक्ष देवनानी: “रामचरित मानस पढ़ें युवा, सिर्फ आलोचक नहीं, बदलाव के वाहक बनें”

राजस्थान विधानसभा में शनिवार को आयोजित युवा संसद के उद्घाटन समारोह में विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने युवाओं को संबोधित करते हुए भारतीय परंपरा, विज्ञान और लोकतंत्र की जड़ों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सिंधु घाटी सभ्यता से लेकर रामचरित मानस और महाभारत तक, भारत की सोच वैज्ञानिक रही है। उन्होंने महाभारत में संजय द्वारा युद्ध का आंखों देखा हाल सुनाए जाने को दूरदर्शन का उदाहरण बताया और पुष्पक विमान का उल्लेख करते हुए कहा कि विज्ञान के बीज प्राचीन भारत में ही बोए जा चुके थे।

विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने युवाओं को चेताया कि “मैं ही सही हूं” वाली सोच लोकतंत्र में नहीं चल सकती। उन्होंने कहा कि विधानसभा जैसे मंच पर केवल अपनी बात नहीं रखनी होती, बल्कि विपक्ष और दूसरों की राय को सुनना भी उतना ही जरूरी है।
उन्होंने यह भी कहा कि सोशल मीडिया के युग में युवा गहराई से पड़ताल किए बिना चीजें साझा कर देते हैं, जो लोकतंत्र और संवाद की संस्कृति के लिए हानिकारक है।

उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे रामचरित मानस जैसे ग्रंथ पढ़ें, जिनमें पारिवारिक, सामाजिक और नैतिक मूल्यों की गहरी व्याख्या है। उन्होंने कहा कि यह ग्रंथ पिता, पत्नी और भाई जैसे हर संबंध की भूमिका और मर्यादा को स्पष्ट करता है, जिसे समझना आज की पीढ़ी के लिए आवश्यक है।

इस युवा संसद में देश के 10 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों के 55 विद्यालयों से आए 168 छात्र हिस्सा ले रहे हैं। इनमें से 56 छात्र सदन में अलग-अलग विषयों पर बहस में भाग ले रहे हैं। बहस के मुद्दे आतंकवाद, पाक अधिकृत कश्मीर और भारत की सुरक्षा जैसे अंतर्राष्ट्रीय विषयों पर केंद्रित हैं।
विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने इसे छात्रों को लोकतंत्र में भागीदार बनाने वाला मंच बताते हुए कहा कि युवा संसद का उद्देश्य युवाओं में नेतृत्व, सार्वजनिक संवाद, और नागरिक भावना को मजबूत करना है। यह उन्हें केवल आलोचक नहीं, सकारात्मक बदलाव के सहभागी बनने की प्रेरणा देता है।

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