मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के कुशल नेतृत्व में सूचना प्रौद्योगिकी एवं नवाचार के क्षेत्र में ऐतिहासिक परिवर्तन की ओर अग्रसर है। सरकार द्वारा उठाए जा रहे बहुआयामी कदमों ने राजस्थान को तकनीकी विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। राज्य सरकार का उद्देश्य है—आधुनिक तकनीकों का लाभ आमजन तक पहुँचाना, डिजिटल बुनियादी ढांचे को मजबूत करना और राजस्थान को क्रिएटिव टेक्नोलॉजी हब बनाना।
मुख्यमंत्री शर्मा के मार्गदर्शन में तैयार की गई राजस्थान एआई पॉलिसी 2025 न केवल जवाबदेह और नैतिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को बढ़ावा देगी, बल्कि राज्य में स्किल डेवलपमेंट, रिसर्च, और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को भी गति देगी। इसके तहत एक विशेष सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर एआई (CoE-AI) की स्थापना की जाएगी, जो स्टार्टअप्स, शैक्षणिक संस्थानों और निजी क्षेत्र के साथ मिलकर काम करेगा।
इसी प्रकार, राज्य सरकार की एवीजीसी-एक्सआर पॉलिसी एनिमेशन, गेमिंग, विजुअल इफेक्ट्स और एक्सटेंडेड रियलिटी जैसे उभरते क्षेत्रों में रोजगार और निवेश के नए द्वार खोल रही है। सरकार ने ₹1000 करोड़ की लागत से चार अटल इनोवेशन स्टूडियो एंड एक्सेलेरेटर्स स्थापित करने का प्रस्ताव भी रखा है, जिससे इनोवेशन और उद्यमिता को बल मिलेगा।
राजस्थान में डेटा सेंटर पॉलिसी-2025 के माध्यम से निजी क्षेत्र को डेटा सेंटर स्थापना हेतु प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इसका उद्देश्य राज्य को विश्व स्तरीय डेटा सेंटर इकोसिस्टम के रूप में विकसित करना है, जो सुरक्षा, विश्वसनीयता और दक्षता सुनिश्चित करेगा।
राज्य सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने के लिए कई प्रमुख उद्यमियों से एमओयू (MoU) किए हैं, जिससे हजारों युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सकें। इसके अतिरिक्त, जयपुर और जोधपुर में स्थित भामाशाह स्टेट डेटा सेंटर (RSDC) देश का सबसे बड़ा सरकारी डेटा सेंटर है, जो 99.995% अपटाइम की गारंटी के साथ अत्याधुनिक सेवाएं प्रदान करता है।
इन पहलों के माध्यम से राज्य सरकार नवाचार, पारदर्शिता और डिजिटल दक्षता को बढ़ावा दे रही है। डिजिटल राजस्थान की कल्पना को साकार करने की दिशा में यह एक ठोस कदम है, जो आमजन की सुविधा के साथ-साथ राज्य को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर एक तकनीकी नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित करेगा।