झालावाड़ के पीपलोदी गांव में हुए दर्दनाक स्कूल हादसे के बाद पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे शुक्रवार को घायलों का हाल जानने पहुंचीं। उन्होंने अस्पताल में भर्ती बच्चों और उनके परिजनों से मुलाकात कर सांत्वना दी। इसके बाद मीडिया से बातचीत में राजे ने कहा कि यह घटना बेहद पीड़ादायक है — "हमारे झालावाड़ परिवार के सात मासूम बच्चों को ईश्वर ने हमसे छीन लिया, और 27 बच्चे घायल हुए हैं।"
उन्होंने सरकार से मांग की कि प्रदेश के सभी स्कूल भवनों का तत्काल सर्वेक्षण कराया जाए। जो स्कूल जर्जर हालत में हैं, उन्हें चिन्हित कर बच्चों को तुरंत दूसरी सुरक्षित जगह शिफ्ट किया जाए। उन्होंने कहा, "यह बहुत चिंता की बात है कि कहीं दूसरी स्कूल बिल्डिंगों में भी ऐसा हादसा न हो।"
राजे ने स्पष्ट कहा कि ऐसी इमारतों को गिराकर नई मजबूत बिल्डिंगों का निर्माण प्राथमिकता से होना चाहिए ताकि भविष्य में किसी और बच्चे की जान जोखिम में न आए। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यदि समय रहते यह कार्यवाही हो जाती, तो आज ये मासूम बच्चे हमारे बीच होते।
राजनीति करने वालों को सख्त लहजे में चेतावनी देते हुए राजे बोलीं, "मैं हाथ जोड़कर निवेदन करती हूं कि बाहर के लोग इस समय यहां आकर राजनीति न करें। यह समय राजनीति का नहीं, बल्कि संवेदना और सहयोग का है। झालावाड़ परिवार की पीड़ा में साथ खड़े होने का वक्त है। राजनीति करने के लिए समय बहुत है।"